कल रहिए तैयार, बरगद लगाना इस बार
नैमिषारण्य के संतों ने की बरगद रोपने की अपील संतों ने बताया बरगद का धार्मिक व औषधीय महत्व
सीतापुर : दैनिक जागरण की पहल पर वट वृक्ष का रोपण पूरे जिले में होगा। इसी दिन वट सावित्री की पूजा भी है। वट वृक्ष के लिए आवाज ऋषियों की तपोस्थली से भी उठ रही है। आस्था और प्राणवायु का स्त्रोत बरगद रोपने की दैनिक जागरण की पहल की सराहना धर्मनगरी नैमिषारण्य के संतों ने की है। प्रमुख आश्रमों के महंतों ने इस अभियान में सहभागिता का संकल्प लिया। संतों ने बरगद व पीपल का महत्व बताते हुए आमजन से बरगद रोपने की अपील भी की है।
बरगद में से जुड़ी है आस्था और औषधीय महत्व
- सनातन संस्कृति में बरगद पूजनीय वृक्षों में से एक है। ज्येष्ठ मास में पड़ने वाली अमावस्या में बरगद के पूजन का भी विधान है। हम सभी को कम से कम बरगद का एक पौधा अवश्य लगाना चाहिए।
-विखनसाचार्युलु, प्रमुख बालाजी मंदिर
- बरगद और पीपल जीवन प्राणवायु देने वाला वृक्ष है। बरगद का पेड़ से अत्यधिक मात्रा में ऑक्सीजन की उपलब्धता होती है। बरगद का हमारे जीवन में महत्वपूर्ण स्थान है। जागरण की पहल सराहनीय है।
- जगदाचार्य देवेंद्रानंद सरस्वती, नारदानंद आश्रम
- कोरोनाकाल में संक्रमित मरीजों के उपचार में ऑक्सीजन की महत्वपूर्ण भूमिका रही है। कोरोना ने हमें इस बात का एहसास कराया कि, हमारे जीवन में बरगद और पीपल का बहुत महत्व है। सभी को बरगद को पेड़ लगाना चाहिए।
- भरत दास, महंत पहला आश्रम
- बरगद एवं पीपल के वृक्षों में ऑक्सीजन की प्रचुर मात्रा होती है। यह दोनों ही वृक्ष धार्मिक व वैज्ञानिक ²ष्टिकोण से अत्यंत महत्वपूर्ण व उपयोगी है। जीवन में कम से कम एक पौधा लगाने का संकल्प सभी को लेना चाहिए।
- रामानुज कुमारी माताजी, सत्यनारायण सन्निधि मंदिर
- बरगद को देववृक्ष कहा जाता है। पूजन के दौरान इसके पत्तों का प्रयोग किया जाता है। बरगद हमें प्रचुर मात्रा में प्राणवायु देता है। कोरोना ने हमें बरगद का महत्व समझाया है। दैनिक जागरण ने अच्छी पहल की है, इसमें सभी को प्रतिभाग करना चाहिए।
- आचार्य विवेक द्विवेदी, सिद्धेश्वर मंदिर
- कोविड की दूसरी लहर के समय हुई ऑक्सीजन की कमी ने यह बता दिया कि, बरगद व पीपल कितने उपयोगी हैं। इन वृक्षों का धार्मिक महत्व भी है। सुहागिनें वट सावित्री व्रत में बरगद का पूजन करती हैं।
-जगदंबा प्रसाद पुजारी, ललिता देवी मंदिर