पराली जलाएं नहीं, सड़ाकर बनाएं जैविक खाद फसलों में करें प्रयोग
गांवों में किसान पाठशाला हो रही हैं। किसानों को कम
सीतापुर : गांवों में किसान पाठशाला हो रही हैं। किसानों को कम लागत में खेती के तरीके समझाए जा रहे हैं। उप कृषि निदेशक अरविद मोहन मिश्र ने बताया, सोमवार को 180 गांवों में किसानों की पाठशाला हुई हैं। इसमें एलिया के इमलिया सुल्तानपुर में हुई पाठशाला में वह खुद मौजूद रहे।
उप कृषि निदेशक ने किसानों खेत में पराली न जलाने की अपील की। समझाया, प्राकृतिक खेती पर जोर दें और लागत कम करें। लागत कम करने के लिए जैविक, हरी खाद व कल्चर, जीवामृत, घनजीवा मृत का प्रयोग करें। इससे फसलें अच्छी होंगी। लागत कम आएगी और बिना रसायन प्रयोग के कृषि उत्पादन होगा। इससे लोगों में तमाम तरह के रोगों से भी छुटकारा मिलेगा। आजकल देखा जा रहा है कि पेट संबंधी विकार बढ़ रहे हैं। पेट में बदहजमी की शिकायत रहती है। इसका एक कारण गेहूं, चावल व अन्य अनाज का गुणवत्तापूर्ण न होना भी कहा जा सकता है। पाठशाला में किसानों ने बेसहारा मवेशियों की समस्या बताई। कहा, फसलों की दिन रात निगरानी करनी पड़ रही है। थोड़ा भी चूक जाते हैं तो मवेशियों के झुंड खेत में घुस जाते हैं। कुछ ऐसे भी मवेशी हैं जो दौड़ाकर हमला कर देते हैं।
पाल्हापुर में बताए आय दोगुनी करने के तरीके
रामपुर मथुरा : ढकवा न्याय पंचायत के पाल्हापुर में किसान पाठशाला हुई। किसानों की आय दोगुनी करने के विभिन्न उपाय बताए। बताया गया कि वर्ष में दो के बजाय तीन फसलें लेकर आय को बढ़ाया जा सकता है। कृषि सहायक ओमकार भार्गव ने बताया, किसानों को उनकी आय दोगुना करने के लिए खेती करने के तरीकों को बदलना होगा। रासायनिक खादों की जगह जैविक खादों का प्रयोग हो। दो फसलों के बीच में जायद की फसलें लें। पैदावार बढ़ाई जाए। पाठशाला में किसानों ने सम्मान निधि में आ रही दिक्कतों को भी बताया। कृषि कर्मियों ने इनकी समस्याओं का निस्तारण कराया है। प्रधान गीता देवी, रुद्र पाल सिंह, शिवम सिंह, राजू, अश्वनी मौर्य, राज नारायण, नेवल सिंह भी थे।