महामारी से निजात के लिए महामाई से अरदास

भक्तों ने की वासंतिक नवरात्र के छठे दिन माता कात्यायनी की उपासना लाकडाउन में मंदिरों के कपाट बंद रहे घर पर ही हुई मां की उपासना

By JagranEdited By: Publish:Sun, 18 Apr 2021 11:26 PM (IST) Updated:Sun, 18 Apr 2021 11:26 PM (IST)
महामारी से निजात के लिए महामाई से अरदास
महामारी से निजात के लिए महामाई से अरदास

सीतापुर : कोरोना काल के बीच वासंतिक नवरात्र मनाया जा रहा है। संक्रमण के दौर में भक्तगणों ने महामाई से इस महामारी से निजात दिलाने की कामना की। श्रद्धालुओं ने मां के छठे स्वरूप कात्यायनी की उपासना की। मान्यता है कि ऋषि कात्यायन ने तपस्या कर मां को प्रसन्न किया।

मां ने उनके यहां पुत्री के रूप में जन्म लिया जो कात्यायनी के नाम से विश्व विख्यात हुईं। इसके अलावा मां कात्यायनी की उपासना रोग, भय मुक्ति के लिए की जाती है। कोरोना संक्रमण काल में महामारी से निजात दिलाने के लिए भक्तों ने अपने घर में देवी वैदिक विधि विधान से पौराणिक मंत्रोच्चार के साथ उपासना की। आरती पूजन के साथ विश्व कल्याण की कामना की।

लाकडाउन के कारण मंदिरों में नहीं आए श्रद्धालु : रविवार को साप्ताहिक लाक डाउन था। मंदिरों के कपाट बंद थे, इसलिए भक्तगण मंदिर नहीं पहुंच। केवल मंदिर समिति के सदस्यों, पुजारियों मां की आरती पूजा की। शहर के आलम नगर दुर्गा मंदिर में पुजारी महेश शुक्ला ने मंदिर समिति के सदस्यों के साथ पूजा अर्चना करते हुए अन्य भक्तों से घर पर ही पूजा करने की अपील की तथा आरती का इंटरनेट मीडिया से प्रसारित की। इसके अलावा शहर के शीतला माता मंदिर, काली माता मंदिर, संतोषी माता मंदिर में भी भक्तगण नहीं पहुंचे।

नैमिषारण्य में बंद रहे मंदिरों के कपाट

नैमिषारण्य : लाकडाउन के कारण तीर्थ के प्रमुख मंदिरों एवं धार्मिक स्थलों ललिता देवी, चक्रतीर्थ, व्यासगद्दी, सूतगद्दी, शौनक गद्दी, हनुमान गढ़ी, बालाजी, कालीपीठ, सत्यनारायण सन्निधि, त्रिशक्ति धाम आदि के कपाट बंद रहे। तीर्थ के प्रमुख बाजार सहित सभी दुकानें बंद रहीं। लाकडाउन को जनता ने भी स्वीकार किया और आवश्यक वस्तुओं की दुकानों को छोड़कर लोगों ने अपनी दुकानों को बंद रखा। जिस कारण सम्पूर्ण नैमिषारण्य में सन्नाटा पसरा रहा। कोतवाल विनोद कुमार मिश्रा ने बताया कि पुलिस प्रशासन ने नैमिष की सीमाएं शील कर दी गई हैं। पुलिसकर्मी हर स्थल पर लगे हुए हैं।

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