दिल्ली में लाकडाउन, चलो लौट चलें अपने 'अपने देश'
उप्र के अलावा बिहार के लिए भी निकल रहे हैं दिल्ली से लोग
सीतापुर : सुबह के करीब सवा छह बज रहे हैं। सीतापुर-बरेली नेशनल हाईवे पर गाड़ियों की आवाजाही बनी हुई है। बसें भी खूब निकल रहीं हैं। परिवहन निगम की बसें फुल दिख रहीं हैं। प्राइवेट बसों की तो छतों पर तो पैर रखने की जगह नहीं है। लोग बस की छतों पर भी जान जोखिम में डालकर लोग यात्रा कर रहे हैं।
बाईपास पर इन्हीं प्रवासियों की बस रुकी। काफी लोग ढाबे पर चाय पीने के लिए उतरे। इन्हीं में से एक बक्सर के रामप्रकाश भी हैं। पूछने पर बताते हैं कि दिल्ली में परिवार के साथ एक कारखाने में काम करते हैं। अभी भले एक सप्ताह का लाकडाउन लगा हो लेकिन, स्थितियां ठीक नजर नहीं आ रहीं। कोरोना जिस तरह से बढ़ रहा है, उसे देखते हुए कोई रिस्क नहीं लेना चाहते। यही वजह है कि परिवार के साथ घर वापस लौट रहे हैं। बताते हैं कि काफी जिद्दोजहद के बाद दिल्ली से यह प्राइवेट बस मिली है। वह स्वयं और बच्चे सीट पर बैठे हैं जबकि बेटा बस की छत पर सवार होकर सफर कर रहा है। रामप्रकाश ने बताया कि काफी लोग अपने घरों के लिए निकल रहे हैं। उन्हें फिर से लाकडाउन लगने का खतरा है।
लगातार निकल रहीं बसें
नेशनल हाईवे पर नजर डालें तो दिल्ली की ओर से काफी बसें निकल रहीं हैं। निजी बसों की संख्या भी काफी अधिक है। अधिकांश बसों में लोग छतों पर सवार होकर यात्रा करते दिखाई दे रहे हैं।
आटो से घर वापसी
बिहार के मुजफ्फरपुर की किस्मत देवी अपने पति और बच्चों के साथ 20 वर्ष से दिल्ली में रहती हैं। लाकडाउन की घोषणा के बाद वह आटो रिक्शा से अपने गांव वापस जा रहीं थीं। उनके पति दिल्ली में आटो चलाते हैं। उनका कहना था कि पिछली बार लाकडाउन की घोषणा के बाद राशन के लिए तरसना पड़ा था। यही वजह है कि इस बार घोषणा होते ही हम परिवार के साथ घर के लिए चल पड़े।