तालगांव में मिशन स्वच्छ भारत पोल खोलता 'ताला'
आठ माह पूर्व हैंडओवर हो चुके शौचालय में ताला रखरखाव का खर्च भी भुगतान हो रहा
सीतापुर : परसेंडी ब्लाक की ग्राम पंचायत इमलिया में नव निर्मित सामुदायिक शौचालय को आठ माह पूर्व प्रेरणा स्वयं सहायता समूह को आवंटित किया गया था। स्वच्छ भारत मिशन का मकसद था, ग्रामीण शौचालय का प्रयोग करेंगे। इससे वह खुले में शौच नहीं जाएंगे। तभी स्वच्छ भारत मिशन की मंशा कामयाब होगी। जिम्मेदारों की लापरवाही व शासकीय व्यवस्था की अनदेखी से शौचालय शोपीस बनकर रह गए। आठ माह में एक दिन भी अधिकारियों ने यह जानने की कोशिश नहीं की, शौचालय का ग्रामीण उपयोग कर रहे हैं अथवा नहीं। इसके विपरीत शौचालय के रखरखाव का खर्च भी भुगतान हो रहा है। जिनके पास शौचालय नहीं हैं, वह लोग खुले में शौच जाने को विवश हैं। ग्रामीण शिकायत भी ब्लाक में कर चुके हैं, फिर भी ताला खोला नहीं जा रहा। नियमानुसार हैंडओवर के बाद संचालन होना चाहिए था। एक-एक शौचालय पर लाखों रुपये खर्च हुए, अगर ग्रामीण खुले में जा रहे हैं, तो यह लापरवाही की हद है। इनका उपयोग नहीं हो रहा, हर माह शौचालयों के रखरखाव पर नौ हजार रुपये खर्च हो रहे हैं।
सामुदायिक शौचालय आठ माह पूर्व बनाकर ताला डाल दिया गया। बताया जाता है कि यह हैंडओवर भी हो चुका है। फिर भी समूह इनका संचालन नहीं कर रहा। लोग खुले में शौच जाने को विवश हो रहे हैं।
अखिलेश
सामुदायिक शौचालय का निर्माण का मकसद था, लोग खुले में नहीं जाएंगे। फिर भी ताला नहीं खोला जा रहा। ऐसे में शौचालय निर्माण से क्या फायदा। जिम्मेदार अधिकारी तो कुछ जानने की कोशिश नहीं करते।
परशुराम
शौचालय का ताला खुल जाए तो हम सभी को इसका लाभ मिले। बारिश का समय चल रहा है। खुले में शौच जाना खतरनाक है। लोगों के सामने मजबूरी है, बाहर जाना। दोषियों पर कार्रवाई भी नहीं की जा रही।
उपदेश
वर्जन-
परसेंडी ब्लाक के 83 में 65 सामुदायिक शौचालय समूहों को हैंडओवर हो चुके हैं। इनका संचालन होना चाहिए। शौचालयों में ताला पड़ा होने की जानकारी नहीं है। इसकी जांच कर कार्रवाई की जाएगी।
रामपाल वर्मा, एडीओ पंचायत
-शौचालय में कुछ कमियां हैं, इसलिए चालू नहीं किया। दो-तीन दिन में चालू कर देंगे। शौचालय के रखरखाव का खर्च मिल रहा है।
सुशीला देवी, अध्यक्ष प्रेरणा समूह
-शौचालय आठ माह पूर्व से प्रेरणा समूह को हैंडओवर है। हर माह इसके रखरखाव का खर्च भी भुगतान किया जा रहा है।
रजनी देवी, प्रधान
यह भी जानें
-परसेंडी ब्लाक में 83 सामुदायिक शौचालय बन चुके हैं।
-83 में 65 शौचालयों को हैंडओवर किया जा चुका है।
-एक शौचालय की देखरेख पर नौ हजार रुपये का खर्च।
-एक शौचालय निर्माण पर 5.64 लाख रुपये खर्च आया।
-नव निर्मित शौचालयों में एक दिन भी नहीं गए ग्रामीण।