जुटेंगे श्रद्धालु, काशी कुंड पर अव्यवस्थाओं की भरमार

नैमिषारण्य में पूर्वजों की गया के लिए पितृ पक्ष में देश के

By JagranEdited By: Publish:Mon, 20 Sep 2021 11:02 PM (IST) Updated:Mon, 20 Sep 2021 11:02 PM (IST)
जुटेंगे श्रद्धालु, काशी कुंड पर अव्यवस्थाओं की भरमार
जुटेंगे श्रद्धालु, काशी कुंड पर अव्यवस्थाओं की भरमार

सीतापुर : नैमिषारण्य में पूर्वजों की गया के लिए पितृ पक्ष में देश के विभिन्न प्रांतों समेत नेपाल तक से श्रद्धालु आते हैं। काशी कुंड पर गंदगी के साथ ही अव्यवस्थाओं की भरमार है। सुविधाएं नदारद हैं, काशी कुंड का जल काई युक्त होने से आचमन लायक नहीं बचा है।

कुंड के आसपास भी साफ सफाई का अभाव है। काशी कुंड पर टिन शेड तक की व्यवस्था नहीं है। केवल एक हाल बना है जहां पर्याप्त जगह नहीं है। भीड़ अधिक होती है तो लोग खुले में पिंडदान करते हैं। कुंड पर नियमित सफाई नहीं होने से गंदगी फैली रहती है जबकि हर अमावस्या पर लोग पिडदान करने आते हैं। जल शुद्ध न होने से श्रद्धालु हैंडपंप पर स्नान करते हैं। दो हैंडपंप हैं, एक की चौकी टूट गई है। काशी कुंड आबादी से दूर घने जंगल के बीच है। कुंड तक पहुंचने वाला मार्ग भी जर्जर है। नैमिषारण्य में होती है नाभि गया

देश में तीन स्थानों पर पूर्वजों की गया होती है। कृपाल गया (बद्रीनाथ), नाभि गया (नैमिषारण्य) एवं चरण गया (गया-बिहार) में पितरों की मोक्ष के लिए पिड दान होता है। नैमिषारण्य में हर अमावस्या को लोग पितरों की शांति के लिए काशी कुंड पर तर्पण कर पिड दान करते हैं। पितृ पक्ष में अधिक भीड़ होती है। कृष्ण पक्ष में गया का महत्व

पूर्वजों की शांति व मोक्ष की कामना के लिए लोग नैमिषारण्य में पिड दान के लिए पहुंचते हैं। पितृ पक्ष भर यहां काफी भीड़ होती है। अश्वनी मास के कृष्ण पक्ष में गया का विशेष महत्व माना गया है। पितृ पक्ष में ही कृष्ण पक्ष का योग होता है। काशी कुंड पर पिड दान व स्नान की परंपरा है। नैमिषारण्य में गया के लिए दूर-दूर से श्रद्धालु आते हैं। काशी कुंड पर समस्याएं अधिकर हैं। हैंडपंप की चौकी टूटी, लोग चोटिल होते हैं। सफाई का अभाव है, जल दूषित है। श्रद्धालुओं को काफी असुविधा होती है। नपा प्रशासन अपना क्षेत्र न बताकर पल्ला झाड़ लेता है।

गिरिवर, कर्मकांड पुरोहित नैमिषारण्य में गया व पिडदान का विशेष महत्व है। काशी कुंड पर यह क्रिया होती है। नेपाल तक से श्रद्धालु आते हैं और पूर्वजों का तर्पण करते हैं। लेकिन यहां श्रद्धालुओं की सुविधाएं नदारद हैं। नियमित सफाई नहीं होती, पर्याप्त टिन शेड नहीं हैं। इससे दिक्कतें होती हैं।

ललित, कर्मकांड पुरोहित

संज्ञान में आया है कि काशी कुंड का जल दूषित है। सफाई भी नियमित नहीं होती है। नगर पालिका को निर्देशित करेंगे कि पितृ पक्ष से पहले वहां सफाई कराएं। वहां जो समस्याएं हैं, उनको दूर कराएंगे।

गिरीश झा, एसडीएम मिश्रिख

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