अंतरजनपदीय वाहन चोर गिरोह पकड़ा, छह बाइकें बरामद
गैर जिलों से बाइक चोरी करने के बाद इंजन व चेसिस नंबर बदलकर जाली प्रपत्रों पर बिक्री करते थे
सीतापुर : पुलिस ने क्राइम ब्रांच की मदद से अंतर जनपदीय वाहन चोरों के गिरोह को पकड़ने में सफलता हासिल की है। तीन शातिर चोरों को अवैध तमंचा व चाकू के साथ गिरफ्तार कर निशानदेही पर चोरी की छह बाइकें बरामद करने का दावा पुलिस ने किया है।
प्रभारी थानाध्यक्ष दयानंद तिवारी ने बताया कि क्राइम ब्रांच की मदद से मुखबिर की सूचना पर रामकोट के टेड़वा निवासी रवी, रामपुर नेरी निवासी शिवलाल, गंगेई इमलिया सुल्तानपुर निवासी श्रवण को एक बाइक के साथ पकड़ा। बाइक के कोई प्रपत्र यह लोग नहीं दिखा सके। तलाशी में अवैध तमंचा, कारतूस व चाकू बरामद हुआ। पूछताछ में आरोपितों ने बाइक चोरी की बात स्वीकार की। आरोपितों की निशानदेही पर पुलिस ने पांच चोरी की अन्य बाइकें बरामद की। पूछताछ में आरोपितों ने बताया कि वह लोग काफी समय से गैर जिलों से बाइक चोरी के काम में लगे हैं। बाइक चोरी करने के बाद उनकी नंबर प्लेट बदल देते हैं। फिर चेसिस व इंजन नंबर बदलकर जाली प्रपत्रों के आधार पर बिक्री कर देते हैं। थानाध्यक्ष ने बताया कि तीनों आरोपित शातिर बाइक चोर हैं। गिरफ्तार करने वाली टीम में एसआइ दिनेश कुमार सिंह, शुभम तिवारी, दीपक, संजय व क्राइम ब्रांच के अजय रावत आदि शामिल थे। अपहरण व दुष्कर्म मामले में अभियुक्त को सात वर्ष का कारावास
सीतापुर : अपर जिला सत्र न्यायाधीश-16 पाक्सो एक्ट ने मंगलवार को अपरहण व दुष्कर्म मामले में अभियुक्त को दोष सिद्ध करते हुए सात वर्ष के कठोर कारावास व अर्थदंड की सजा सुनाई है। अभियोजन पक्ष के अनुसार, थाना रामकोट क्षेत्र की पीड़ित किशोरी के पिता ने 20 अगस्त 2011 को मुकदमा लिखाया था। आरोप था कि उसकी बेटी को 19 अगस्त 2011 को चमखर निवासी सतीश कुमार बहला-फुसलाकर ले गया था। बेटी के लापता होने पर उसकी मां खोजबीन करते चमखर में सतीश के घर पहुंच गई थी, जहां बेटी बरामद हुई थी। किशोरी व सतीश को उसके परिवार वाले थाने लाए थे। जिस पर पुलिस ने अभियुक्त 20 अगस्त को 2011 को जेल भेजा था। फिर विवेचना कर पुलिस ने न्यायालय में आरोप पत्र दाखिल किया था। न्यायाधीश हितेंद्र हरि ने दोनों पक्षों की बहस व दलीलों को सुनने के उपरांत अभियुक्त सतीश कुमार को दोष सिद्ध करते हुए सात वर्ष का कठोर कारावास और 17 हजार रुपये के अर्थदंड का फैसला सुनाया है। साथ ही अर्थदंड की राशि में से पीड़िता को 10 हजार रुपये देने का भी आदेश किया है। अभियोजन पक्ष की पैरवी सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता दिनेश सिंह चौहान ने की।