इंस्पेक्टर पढ़ रहे कर्तव्यों का पाठ

पीटीसी में 500 इंस्पेक्टर प्रोन्नति कोर्स की ले रहे हैं ट्रेनिग चल रही है आनलाइन क्लास

By JagranEdited By: Publish:Sun, 04 Jul 2021 11:35 PM (IST) Updated:Mon, 05 Jul 2021 12:17 AM (IST)
इंस्पेक्टर पढ़ रहे कर्तव्यों का पाठ
इंस्पेक्टर पढ़ रहे कर्तव्यों का पाठ

सीतापुर : इन दिनों पुलिस प्रशिक्षण महाविद्यालय (पीटीसी) में इंस्पेक्टरों की पाठशाला लगी है। इन्हें थानाध्यक्ष के कर्तव्य एवं दायित्य सिखाए-पढ़ाए जा रहे हैं। रविवार को पीटीसी इंस्पेक्टरों को प्रोन्नति कोर्स में सीसीटीएनएस के बारे में समझाया-पढ़ाया गया। इस पाठ्यक्रम को आनलाइन क्लास के जरिए इंस्पेक्टरों को कंप्यूटर विशेषज्ञ संतोष कुमार ने पढ़ाया। इससे पहले शनिवार को इंस्पेक्टरों को थानाध्यक्ष के कर्तव्य एवं दायित्वों के पाठ्यक्रम को पढ़ाया गया था। कर्तव्य एवं दायित्वों के पाठ्यक्रम की आनलाइन क्लास के माध्यम से एएसपी राजेंद्र प्रसाद यादव व एसपीओ अशोक कुमार एवं सीओ विनोद द्विवेदी ने पढ़ाया। इससे पहले पदोन्नति कोर्स का उद्घाटन पीटीसी पुलिस अधीक्षक शफीक अहमद ने किया।

पंद्रह दिनों तक चलेगी ट्रेनिग

पीटीसी में आरआइ इंडोर संजय तिवारी ने बताया, 500 लोगों को ट्रेनिग दी जा रही है। यह ट्रेनिग 15 दिनों तक चलनी है। ट्रेनिग पोस्ट डायरेक्टर राजेंद्र प्रसाद यादव की देखरेख में चल रही है। इसमें विषय विशेषज्ञ के साथ ही वरिष्ठ पुलिस अधिकारी भी इंस्पेक्टरों को अनुभव साझा कर रहे हैं। इंस्पेक्टरों को बताई सीसीटीएनएस की व्यवस्था

शुरुआत में वर्ष 1995 में केंद्र सरकार ने सीसीआइएस योजना शुरू की थी। फिर इसमें कुछ कमियां प्रतीत होने पर सुधार करते हुए वर्ष 2004 में सीआइपीए योजना लागू की गई। आगे चलकर समय के अनुसार फिर बदलाव करते हुए नई योजना सीसीटीएनएस (क्राइम एंड क्रिमिनल ट्रैकिग नेटवर्क एंड सिस्टम-अपराध एवं अपराधी खोज तंत्र प्रणाली) योजना शुरू हुई। इस नई योजना को वर्ष 2009 में लागू किया गया। सीसीटीएनएस की व्यवस्था आज भी पूरे देश के थानों में प्रभावी है। इस व्यवस्था से पुलिस महानिदेशक, परिक्षेत्रीय कार्यालय, एसपी, एएसपी, सीओ, पुलिस कंट्रोल रूम व अन्य अनुसंधान एजेंसियों के कार्यालय को कंप्यूटराइज्ड सिस्टम से जोड़ा गया है।

थानाध्यक्ष के कर्तव्य व दायित्व

प्रशिक्षण में इंस्पेक्टरों को थानाध्यक्ष के कर्तव्य व दायित्व बताए गए। कहा गया कि थानाध्यक्ष को अपने प्रभार की पूर्ण रूप से स्थानीय जानकारी लेनी चाहिए। क्षेत्र के वरिष्ठ व्यक्तियों से परिचय रखना चाहिए। गांव के मुखिया से विनम्रता से व्यवहार करना चाहिए। थानाध्यक्ष को गांव के चौकीदार के प्रति विचारशील होना और सूचना देने के लिए उन्हें प्रोत्साहित करना चाहिए।

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