शौचालयों का ताला खुले तो सरकार का सपना हो पूरा

हर सामुदायिक शौचालय के संचालन पर नौ हजार रुपये प्रति माह स्वीकृत फिर भी लटक रहा ताला

By JagranEdited By: Publish:Tue, 21 Sep 2021 11:01 PM (IST) Updated:Tue, 21 Sep 2021 11:01 PM (IST)
शौचालयों का ताला खुले तो सरकार का सपना हो पूरा
शौचालयों का ताला खुले तो सरकार का सपना हो पूरा

सीतापुर: ब्लाक के चौपरिया गांव में सामुदायिक शौचालय में ताला लटक रहा है। कई माह पूर्व बनकर तैयार हो चुके इस शौचालय का निर्माण जरूरतमंद लोगों के लिए किया गया था। विभागीय अधिकारियों की उदासीनता से इसका लाभ ग्रामीणों को नहीं मिल पा रहा।

गोंदलामऊ ब्लाक की 89 ग्राम पंचायतों में शौचालय का निर्माण किया गया है। इसमें से 88 शौचालय को संचालन के लिए स्वयं सहायता समूहों के हैंडओवर किया जा चुका है। एक हैंडओवर होना शेष बचा है। फिर भी इनका ताला नहीं खुल सका है। जबकि हर शौचालय के संचालन के लिए हर माह 6000 रुपये मानदेय व 3000 रुपये बिजली, साफ सफाई, साबुन आदि पर खर्च किया जाने हैं। कुल 9000 रुपये शौचालय के रखरखाव पर शासन से स्वीकृत किए गए हैं। फिर भी शौचालयों में ताले शोभा बढ़ा रहे हैं।

वहीं, ग्रामीण ताला खुलने का इंतजार कर रहे हैं। ब्लाक अधिकारियों की अनदेखी व उदासीनता ग्रामीणों को सुविधा मिलने में बाधा है। एक शौचालय के निर्माण पर पौने छह लाख रुपये खर्च होने के बाद भी स्वच्छ भारत मिशन की मंशा पर पानी फिर रहा है। ग्रामीण मजबूरी में खुले में शौच जाने को विवश हो रहे हैं। जब लोग खुले में शौच जाएंगे तो गंदगी होगी और बीमारियों फैलेंगी। चित्र-21एसआइटी02-

सामुदायिक शौचालय बनने के समय लोग खुश थे। लेकिन इसमें कई माह से ताला लटक रहा है। जबकि इसकी सुविधा जरूरतमंदों को मिलनी थी। जिम्मेदार गांव आकर सच्चाई से रूबरू नहीं होना चाहते।

-रमेश चित्र-21एसआइटी03-

शौचालय निर्माण का मकसद लोगों को खुले में शौच जाने से रोकना था। शौचालय बन गया है तो उसका संचालन जनहित में होना चाहिए। सरकार संचालन के लिए नौ हजार रुपये भी दे रही, फिर भी बंद है।

-कमल चित्र-21एसआइटी04-

शौचालय बंद होने से लोग खुले में जाने को विवश हैं। बरसात का मौसम है, बाहर जाने में जहरीले जीव-जंतुओं का खतरा रहता है। लोगों की समस्या को अनदेखा किया जा रहा है। इसका ताला खोला जाए।

-कृष्णपाल वर्जन-

गोंदलामऊ ब्लाक के 89 में से 88 ग्राम पंचायतों के शौचालय स्वयं सहायता समूहों को हैंडओवर कर दिए गए हैं। संचालन के लिए हर माह 9000 रुपये स्वीकृत हैं। इनका संचालन जनहित में शुरू करने के निर्देश हैं। अगर ताला पड़ा है, तो जांच कर संबंधित को नोटिस दी जाएगी और विभागीय कार्रवाई होगी।

-मनोज सिंह, प्रभारी एडीओ इनसेट-

यह भी जानें

-ब्लाक की 89 ग्राम पंचायतों में बने हैं सामुदायिक शौचालय

-88 शौचालय स्वयं सहायता समूहों को हैंडओवर किये जा चुके

-शौचालय के रखरखाव पर हर माह 9000 रुपये खर्च स्वीकृत

-शौचालय बंद होने के बाद लटक रहे ताले, खुले में जा रहे लोग

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