शहर को समझेंगे 'अपना', तब पूरा होगा ताज का 'सपना'

संसाधनों की कमी के साथ ही जनसहभागिता का भी दिख रहा है अभाव

By JagranEdited By: Publish:Tue, 23 Nov 2021 12:26 AM (IST) Updated:Tue, 23 Nov 2021 12:26 AM (IST)
शहर को समझेंगे 'अपना', तब पूरा होगा ताज का 'सपना'
शहर को समझेंगे 'अपना', तब पूरा होगा ताज का 'सपना'

सीतापुर : स्वच्छता रैंकिग बेहतर हुई है लेकिन, अपनी स्थिति और सुधारने के लिए सिस्टम के साथ जनसहभागिता भी बढ़ानी होगी। सीतापुर की बात करें तो कूड़ा निस्तारण तो दूर, आमजन ने कूड़ा स्थलों पर ही अतिक्रमण कर लिया है। वे खोजे नहीं मिल रहे। कूड़ा कलेक्शन की व्यवस्था भी अभी पूरी तरह से लागू नहीं हो पाई है। इसमें भी कई दिक्कतें हैं। ऐसे में अगर सीतापुर की रैंकिग सुधारनी है तो बाशिंदों को शहर को 'अपना' समझना होगा तभी रैंकिग में ताज का सपना भी पूरा हो सकेगा।

नाला-नालियों पर अतिक्रमण, सफाई नहीं हो पाती

सफाई निरीक्षक जागेंद्र सिंह कहते हैं कि शहर के सभी 30 वार्डों में सबसे अधिक गंदगी विजयलक्ष्मी नगर मुहल्ले में है, जबकि इस वार्ड में 60-60 चौड़ी सड़कें हैं। नाले-नालियों पर कब्जे हैं। लोगों ने घर के सामने स्थायी रैंप बना रखे हैं। कूड़ा के लिए चिह्नित स्थलों पर अतिक्रमण है। लोग घर की बाउंड्री के पास कूड़ा डाल लेते हैं। स्थाई कूड़ा अड्डा आबादी के बीच में थे, इनमें अतिक्रमण होने से अब अस्थाई कूड़ा अड्डा बनाए गए हैं। आलम यह है कि अस्थाई कूड़ा स्थलों पर भी लोग कूड़ा नहीं डालते हैं। कूड़ा फेंकने का कोई तय समय भी नहीं है। पूरे दिन कूड़ा इधर-उधर फेंका हुआ दिखता है। सफाई का समय सुबह साढ़े छह बजे से दोपहर दो बजे तक है।

इनकी दरकार

नगर पालिका को दो ग्रास कटर, दो ट्रैक्टर लोडर समेत, दो ट्राली, एनटी मिष्ट फागर, एयर लाइन गन (पानी गिराने वाली मशीन) की जरूरत है।

सीतापुर नपा की रैंकिग

वर्ष - मिली रैंक

2019 - 342

2020 - 328

2021 - 278

अगली बार और अच्छा करेंगे : ईओ

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ईओ नगर पालिका सीतापुर वैभव त्रिपाठी का कहना है कि पिछली रैंकिग से हम 50 स्थान आगे आए हैं। हमारी रैंकिग अच्छी है। लखनऊ मंडल में हम तीसरे स्थान पर हैं। एक साल में यदि 50 स्थान आगे बढ़ते हैं, तो यह बहुत अच्छी प्रगति है। इस बार और अच्छा करेंगे। मेडिकल रिकवरी फैसिलिटी सेंटर भी आ गया है। स्थाई कूड़ा निवारण केंद्र बन रहे हैं। 15वां वित्त की ग्रांट में ईकोफ्रेंडली मशीनें भी मंगा रहे हैं। कोई नाला सीधे नदी में न गिरे, इसके प्रयास में हैं। बायो माइनिग भी हो रही है। पहली बार 25 सितंबर की बोर्ड की बैठक में पर्यावरण पर ही चर्चा हुई है। ईओ ने कहा, अतिक्रमण से स्वच्छता रैंकिग का कोई मतलब नहीं है।

स्वच्छता के प्रहरी

उचित स्थान पर फेकेंगे कूड़ा..

स्वच्छता की रैंकिग में नगर पालिका फिर पिछड़ गई। इसका अफसोस हमें भी है, पर अब हम शपथ लेते हैं कि कूड़ा इधर-उधर न फेंककर उचित स्थान पर ही डालेंगे। गीला और सूखा कचरा अलग रखेंगे। हमें निकाय का भी सहयोग चाहिए। अगर घरों से कलेक्शन की व्यवस्था कर ली जाए तो शहर के लिए बेहतर होगा।

- वैभव मिश्र, रोटी गोदाम

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