गंदगी और जलभराव से जूझ रहे अस्पताल
सिधौली पिसावां व रेउसा सीएचसी परिसर में जलभराव। परिसर और गेट पर गंदगी की भरमार जिम्मेदार अनजान।
सीतापुर : सेहत महकमा संचारी रोग नियंत्रण अभियान चला रहा है। आमजन को स्वच्छता की सीख दे रहा है, लेकिन खुद के अस्पताल गंदगी और जलभराव से जूझ रहे हैं। सीएचसी सिधौली, पिसावां व रेउसा के परिसर में पानी भरा हुआ है। गंदगी की समस्या भी है।
जरा सी बारिश और तालाब में तब्दील सीएचसी परिसर :
सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र सिधौली की पड़ताल में परिसर में पानी भरा मिला। बताया गया कि जरा सी बारिश में ही परिसर तालाब बन जाता है। बारिश का पानी कई दिन तक भरा रहता है। इस पानी पर मक्खी व मच्छर पनपते हैं। स्वास्थ्यकर्मियों के आवास के पास गंदगी रहती है। कूड़ा खुले में पड़ा रहता है। सीएचसी अधीक्षक डा. राकेश कुमार वर्मा ने बताया कि जलभराव की समस्या से निजात के प्रयास किए जा रहे हैं। जल्द ही वर्षा जल संचयन प्लांट भी बनेगा।
सीएचसी परिसर, बन गया कूड़ाघर :
पिसावां सीएचसी परिसर को कूड़ाघर कहा जाए तो गलत नहीं होगा। अस्पताल जाने वाले रास्ते पर जलभराव है। मरीजों और तीमारदारों की सुविधा के लिए लगे वाटर कूलर के पास गंदगी और बड़ी-बड़ी घास उगी हैं। गंदगी की वजह से मरीज अब वाटर कूलर का पानी नहीं पीते। अस्पताल परिसर में अन्य कई स्थानों पर भी गंदगी की भरमार है। अस्पताल की दीवारों पर तो स्वच्छता संदेश लिखे हैं, लेकिन हकीकत में अस्पताल परिसर में ही गंदगी है। सीएचसी अधीक्षक डा. संजय श्रीवास्तव ने बताया परिसर में 15 दिन पहले सफाई कराई गई थी। झाडियां उग आई हैं, जल्द ही सफाई होगी। जलभराव की समस्या के संबंध में बीडीओ से सहयोग मांगा गया है।
गेट पर गंदगी और पानी, मरीजों की परेशानी :
रेउसा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र भी गंदगी और जलभराव की चपेट में है। अस्पताल के गेट से लेकर परिसर में कई स्थानों पर जलभराव है। गेट लगा है, लेकिन बाउंड्री टूटी हुई है। परिसर में गंदगी की भरमार भी है। बुधवार सुबह 9:30 बजे स्ट्रेचर पर बैठा मरीज डाक्टर का इंतजार कर रहा था। पर्चा काउंटर पर मरीजों की लाइन लगी थी। सीएचसी अधीक्षक डा. अनूप पांडेय ने बताया परिसर में जलभराव से निजात के लिए मिट्टी पटान और सफाई कराई जाएगी।