किसान मांगें कमलापुर चीनी मिल का तोहफा
मुख्यमंत्री के दौरे से आस चीनी मिल चले तो खुल जाए तरक्की का द्वार
सीतापुर(गोविद मिश्र): कमलापुर चीनी मिल को बंद हुए एक दशक से भी अधिक समय बीत चुका है। इसे चलाने की जोर आजमाइशें भी हुईं लेकिन, यह कवायद अभी 'आसमान से टपका, खजूर पर अटका' बनकर रह गई है। हर कोई चाहता है कि कमलापुर चीनी मिल एक बार फिर चले लेकिन, विभागीय जिम्मेदारों की हीलाहवाली इसमें अड़ंगा अटका रहीं हैं। इस क्षेत्र के किसान भी उतनी ही मेहनत करते हैं, जितनी अन्य क्षेत्रों के लेकिन, उन्हें प्रति क्विंटल ढुलाई के नाम पर तगड़ा नुकसान झेलना पड़ता है। अब मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ का सिधौली दौरा किसानों के लिए बड़ी उम्मीद बनकर आया है। किसान अपने सीएम से कमलापुर चीनी मिल की सौगात चाहते हैं।
दरअसल, बीते कुछ महीनों में चीनी मिल को चलाने की सारी तैयारियां पूरी होने के बावजूद भी यह मुहिम अंजाम तक नहीं पहुंच सकी है। किसानों का बकाया भुगतान न होने का राग अलापा जा रहा है जबकि मिल प्रबंधन 10 किस्तों में भुगतान करने की बात कह रहा है। किसानों को भी पुराने दर्द से कहीं ज्यादा आगे के लाभ दिख रहे हैं। किसान जानते हैं कि अगर कमलापुर चीनी मिल चल जाएगी तो उनकी तमाम दिक्कतें खुद ब खुद दूर हो जाएंगी। सरौराकलां के रामखेलावन यादव कहते हैं कि कमलापुर चीनी मिल न चलने से किसानों का बहुत नुकसान हो रहा है। किसानों को अन्य क्षेत्रों की तुलना में ढुलाई पर ज्यादा पैसा खर्च करना पड़ता है। उन्होंने कहा कि बुधवार को मुख्यमंत्री आ रहे हैं। ऐसे में उनकी चाहत है कि इस चीनी मिल को चलाने का ऐलान कर वह क्षेत्र को तोहफा दें। यह चीनी मिल तीन विस क्षेत्रों के किसानों का भला करेगी। बलवंतपुर के इसरार अहमद खां भी चीनी मिल चलाने की वकालत करते हैं। कहते हैं कि अगर चीनी मिल चल जाए तो ढुलाई का पैसा बचे, इतने में किसान अपने बच्चों के कपड़े और पढ़ाई का खर्च उठा सकते हैं। बकौल, इसरार क्षेत्र के तमाम युवा मजदूरी के लिए विभिन्न राज्यों में पलायन करते हैं। उन्हें भी यहीं पर रोजगार मिल जाए। बल्दीपुरवा के विनय वाजपेयी कहते हैं कि किसानों को गन्ना बेचने में काफी कठिनाई होती है। दूरस्थ चीनी मिलों में गन्ना लेकर जाओ तो कभी तीन तो कभी चार दिन तक इंतजार करना पड़ता है। कमलापुर चीनी मिल चल जाए तो यह दिक्कत दूर हो जाए।
गन्ना अधिकारी कितने संजीदा, बताएगा जवाब
जिला गन्ना अधिकारी संजय सिसौदिया से पूछा गया तो उन्होंने स्पष्ट तौर पर कह दिया कि कमलापुर चीनी मिल से उनका कोई मतलब नहीं है। कहा कि हमें कोई जानकारी नहीं है।
सांसद सीतापुर भी दे चुके सहयोग का आश्वासन
कमलापुर चीनी मिल के संचालन से किसानों को होने वाले लाभ को लेकर सांसद सीतापुर राजेश वर्मा ने भी काफी रुचि दिखाई। उन्होंने मिल परिसर में तैयारियां भी देखीं। प्रबंध तंत्र को भी हर संभव सहयोग का आश्वासन दिया।