दारोगा ने ऐसी दी प्रताड़ना कि युवक ने जहर खाकर मौत को लगाया गले
सीतापुर एक दारोगा की प्रताड़ना से युवक इसकदर तंग हुआ कि उसने जहर खाकर जान दे दी। इलाज क
सीतापुर: एक दारोगा की प्रताड़ना से युवक इसकदर तंग हुआ कि उसने जहर खाकर जान दे दी। इलाज के दौरान लखनऊ ट्रामा सेंटर में उसकी मौत हो गई।
मामला सदरपुर क्षेत्र के अल्हनापुर का है। मृतक मनोज वर्मा की पत्नी कांति वर्मा का आरोप है कि उसके पति और पिपरी गांव के तारिक के कारोबार के बीच कुछ आपस में लेनदेन बाकी था। तारिक गोडैंचा चौराहा चौकी इंचार्ज अजय सिंह से मिलकर उसके पति मनोज वर्मा को लगातार परेशान कर रहा था। दारोगा अजय सिंह के साथ तारिक घर में घुसकर पति मनोज के साथ परिवार को धमकाता था। आरोप है कि पिछले दिनों की तरह दारोगा और तारिक रविवार को भी मनोज के घर जाकर उसको और उसकी पत्नी कांति व बच्चों को धमकाया था। घर, जमीन बेचकर तुरंत तारिक को पैसे लौटाने की धमकी दी थी। ऐसा नहीं करने पर दारोगा ने मनोज को चौकी पर ले जाकर मारपीट कर जेल भेज देने को बोला था। मृतक मनोज वर्मा की पत्नी का कहना है कि इस धमकी के बाद उसका पति टूट गया था और उसने मौत को गले लगा लिया। जहरीला पदार्थ खाने के बाद उसकी हालत बिगड़ी तो सीएससी महमूदाबाद ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उसे ट्रामा सेंटर लखनऊ रेफर किया था। सोमवार रात उसकी इलाज के दौरान मौत हो गई। तीन मासूम बेटियों के सिर से उठा पिता का साया
मृतक मनोज वर्मा के तीन मासूम बेटियां हैं। पत्नी कांति वर्मा पति की मौत के बाद बिलख-बिलख कर रो रही थी। बच्चियां भी अपने पिता के शव पर दहाड़ मार कर रो रही थीं। तीन बच्चियों में बड़ी यशी 11 वर्ष की है, जबकि दीपाली और अमोली नौ से छह वर्ष के बीच की हैं। तारिक नामजद, दरोगा के विरुद्ध होगी जांच
थानाध्यक्ष अमित सिंह भदौरिया ने बताया, मृतक मनोज वर्मा की पत्नी की तहरीर पर आरोपित तारिक के विरुद्ध नामजद मुकदमा लिखा है। उसे हिरासत में ले लिया है। पुलिस की कार्रवाई से मृतक की पत्नी संतुष्ट भी है, जहां तक रही बात दारोगा की तो उसके विरुद्ध लगे आरोपों की जांच कराई जाएगी। वैसे मृतक मनोज वर्मा पर दूसरों का 25-30 लाख रुपये कर्जा था। जिसे लोग लौटाने का दबाव बना रहे थे।
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वर्जन-
मनोज वर्मा के जहर खाने का सही कारण यह है उसके ससुर ने दो दिन पहले जमीन बेची थी। इसमें उसने मनोज को पैसे नहीं दिए। इसी में उसने जहर खाया। दूसरा यह भी है कि मनोज पर तारिक का काफी पैसा बाकी था, इसलिए मनोज की पत्नी ने उधारी न लौटने के लिए उसे आरोपि
- नरेंद्र प्रताप सिंह, एएसपी-दक्षिणी