फोन करके आया करो, मरीज नहीं थे तभी चले गए..

ग्रामीण स्वास्थ्य सेवाओं का बुरा हाल सीएचसी कसमंडा में सात डाक्टर तैनात मिला सिर्फ एक। अस्पताल से गायब रहता स्टाफ एक्सरे व अल्ट्रासाउंड की सुविधा नहीं।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 08 Dec 2021 11:50 PM (IST) Updated:Wed, 08 Dec 2021 11:50 PM (IST)
फोन करके आया करो, मरीज नहीं थे तभी चले गए..
फोन करके आया करो, मरीज नहीं थे तभी चले गए..

सीतापुर : सीतापुर-लखनऊ राष्ट्रीय राजमार्ग से कुछ दूरी पर ही कसमंडा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) स्थित है। अस्पताल में अधीक्षक समेत सात डाक्टरों की तैनाती है। फिर भी अस्पताल में डाक्टर व कर्मचारी नहीं मिलते हैं। स्वास्थ्य केंद्र के ज्यादातर कमरों पर ताला लटक हुआ था। रोगियों ने बताया कि यहां इलाज मिल जाए तो बड़ी बात है।

दोपहर के 3:25 बजे सीएचसी में कुछ रोगी बैठे थे। अधीक्षक कक्ष के दरवाजे पर ताला लटक रहा था। मरहम-पट्टी कक्ष, दंत रोग कक्ष और टीकाकरण कक्ष पर भी ताला लटक रहा था। ओपीडी में सभी चिकित्सकों के कक्षों पर ताले लगे थे। स्वास्थ्य केंद्र में एक भी डाक्टर मौजूद नहीं था। शौचालय के दरवाजे पर भी ताला नजर आया। वहीं, अस्पताल में कई जगह पान-गुटखे की पीक दीवारों पर थी। जगह-जगह कूड़ा व गंदगी व्याप्त थी।

इमरजेंसी रूम में दो महिला मरीजों के ड्रिप लगी हुई थी। सियाराम पाल ने बताया कि पत्नी रामकली को उलझन की शिकायत होने पर दोपहर 12 बजे स्वास्थ्य केंद्र लाए थे। डाक्टर नहीं मिले, एक कर्मचारी ने ग्लूकोज की बोतल लगा दी। मरीजों से बातचीत करते देख फार्मासिस्ट प्रमोद कुमार पाल ने बताया कि इमरजेंसी ड्यूटी पर डा. प्रदीप श्रीवास्तव तैनात हैं, जो कि खाना खाने अपने आवास पर गए हैं। इतना कहकर वह डाक्टर को बुलाने उनके आवास की ओर निकल गए। बाहर बैठे राजेंद्र तिवारी ने बताया कि बेटे अंश को स्कूल जाते समय कुत्ते ने काट लिया था। एंटी रैबीज इंजेक्शन लगवाने आए हैं। बताया कि आधा घंटे से बैठे हैं, मगर तक इंजेक्शन नहीं लगा है। शिव नंदन ने बताया कि खांसी और बलगम की शिकायत है, जांच करवाने आया हूं, अभी तक किसी ने कुछ बताया नहीं कि जांच कब तक हो पाएगी। इतना बड़ा अस्पताल है लेकिन, यहां सुविधा कोई नहीं है।

इस बीच फार्मासिस्ट प्रमोद कुमार आए और अंश को एंटी रैबीज का इंजेक्शन लगाने लगे। पीछे से डा. प्रदीप श्रीवास्तव ने आकर शिव नंदन का पर्चा देखते हुए जांच कल होने की बात कही। डा. प्रदीप से अन्य डाक्टरों व कर्मचारियों के विषय में पूछा तो उन्होंने कहा अभी कुछ देर पहले सभी निकले हैं। मरीज नहीं थे तो थोड़ा जल्दी चले गए।

अधीक्षक सीएचसी कसमंडा डा. अरविद वाजपेयी ने बताया कि सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में उपलब्ध संसाधनों के माध्यम से रोगियों को सुविधाएं दी जाती हैं। अस्पताल में 24 घंटे मरीजों को स्वास्थ्य सेवा देने की व्यवस्था है। वैसे स्टाफ पर्याप्त तैनात है। विशेषज्ञ डाक्टरों के पद अवश्य रिक्त हैं। एक्सरे टेक्नीशियन तैनात है, मगर मशीन नहीं है, जिसके लिए मांग की गई है। अन्य समस्याएं भी हैं, जिनके संबंध में विभाग को पत्र लिखा है। फोन करके आया करें तो मुलाकात हो।

बच्चों व महिलाओं के इलाज की समस्या :

बाल रोग विशेषज्ञ व महिला रोग विशेषज्ञ की तैनाती स्वास्थ्य केंद्र में नहीं है। इनसे संबंधित रोगियों को रेफर कर दिया जाता है। वहीं, मरीजों की शिकायत है कि सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में सात डाक्टर तैनात है, मगर मिलता कोई नहीं है।

विशेषज्ञ डाक्टरों की कमी :

सीएचसी में अधीक्षक डा. अरविद वाजपेयी, डा. प्रदीप श्रीवास्तव, डा. अमित कपूर, डा. दीप्ति सक्सेना, डा. वर्तिका, डा. कामरान, डा. अतुल तैनात हैं। इनमें से सिर्फ दंत रोग विशेषज्ञ के पद पर डा. वर्तिका की तैनाती है। अन्य किसी विशेषज्ञ की तैनाती नहीं है।

एक्सरे मशीन नहीं, टेक्नीशियन तैनात :

स्वास्थ्य केंद्र में एक्सरे और अल्ट्रासाउंड की सुविधा उपलब्ध नहीं है। एक्सरे के अभाव में रोगियों को भटकना पड़ रहा है, जबकि एक्सरे टेक्नीशियन के तौर पर दिलीप तैनात हैं। इनसे संबंधित मरीजों को सिधौली व जिला अस्पताल के लिए रेफर कर दिया जाता है।

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