सीएचसी गोंदलामऊ में न करें इलाज की उम्मीद

चार डाक्टर तैनात मगर मिलता कोई नहीं एक्सरे अल्ट्रासाउंड की भी सुविधा नहीं। एक्सरे टेक्नीशियन तैनात जिसे मिल रहा यहां से वेतन 30 की जगह सिर्फ नौ बेड की सुविधा उपलब्ध।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 07 Dec 2021 11:40 PM (IST) Updated:Tue, 07 Dec 2021 11:40 PM (IST)
सीएचसी गोंदलामऊ में न करें इलाज की उम्मीद
सीएचसी गोंदलामऊ में न करें इलाज की उम्मीद

योगेश पांडेय, गोंदलामऊ (सीतापुर)

सुबह 10.02 बजे सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) के बाहर मरीज डाक्टरों का इंतजार कर रहे थे। वहीं, 10.04 बजे तक मरीज पंजीकरण काउंटर पर कोई कर्मचारी नहीं आया था। इसी क्रम में 10.05 बजे इमरजेंसी रूम में भी सन्नाटा दिखा। डाक्टर व कर्मचारियों की कुर्सियां खाली थीं। 10.06 बजे अधीक्षक का कक्ष तो खुला था, मगर अंदर कोई मौजूद नहीं था।

10.07 बजे इंजेक्शन रूम बंद मिला। 10.08 बजे ओपीडी के बाहर मरीज डाक्टरों का इंतजार करते नजर आए। 10.09 बजे ओपीडी में अन्य डाक्टरों की कुर्सियां खाली थीं। 10.10 बजे नेत्र चिकित्सा कक्ष पर ताला लटक रहा था। 10.11 बजे स्वास्थ्य शिक्षा अधिकारी व पर्यवेक्षक कक्ष पर भी ताला लटकता मिला। वहीं, 10.12 बजे कार्यालय में भी ताला पड़ा था। 10.15 बजे सफाई कर्मचारी बरामदे में पोंछा लगाता नजर आया।

बहुत से मरीज डाक्टरों की तलाश में ओपीडी में चहलकदमी कर रहे थे, जो कि कक्ष में कुर्सियां खाली देखकर बाहर धूप में जाकर खड़े हो गए। दवा काउंटर खुला था, मगर वहां कोई कर्मचारी मौजूद नहीं था। फार्मासिस्ट एनके तिवारी बाहर खड़े थे। बहरहाल, पूरी ओपीडी में एक भी डाक्टर 10.20 बजे तक नहीं पहुंचा था। स्टाफ नर्स रूम में मौजूद थीं। यहां पर प्रसव स्टाफ नर्स पूनम मिश्रा, ममता, अनुराग व स्मिता करती हैं। गंभीर केस जिला को रेफर किए जाते हैं।

सीएचसी परिसर में लगी सोलर लाइट खराब है। बिजली नहीं होने पर रात में अंधेरा रहता है। स्वास्थ्य केंद्र में दो एंबुलेंस की सुविधाएं मरीजों को मिल रही हैं। अस्पताल में एक इंडिया मार्का हैंडपंप लगा है। परिसर में झाड़ी व कूड़ा फैला दिखा। इसका कारण चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी की तैनाती नहीं होना है। स्टाफ के लिए पर्याप्त संख्या में आवास हैं। लेकिन, कोई डाक्टर यहां पर निवास नहीं करता।

अधीक्षक सीएचसी गोंदलामऊ डा. धीरज मिश्रा ने बताया कि सीएचसी में डाक्टर व कर्मचारियों की बड़े पैमाने पर कमी है। उपलब्ध संसाधनों में मरीजों को सुविधाएं देने का प्रयास करते हैं। एक्सरे के लिए कई बार लिखित भेजा है। चतुर्थ श्रेणी कर्मी एक भी नहीं है। कुछ कमियां हैं, उनको दूर कराने के लिए अधिकारियों को रिमाइंडर भेजा है। इमरजेंसी में आन काल पर स्टाफ मौजूद रहता है। ज्यादातर पद रिक्त होने से कमरे बंद रहते हैं।

सीएचसी में केवल चार डाक्टर :

अस्पताल में अधीक्षक डा. धीरज मिश्रा, डा. पंकज, डा. मोहम्मद शारिक, डा. प्रज्ञा वर्मा की तैनाती है। तीन फार्मासिस्ट एनके तिवारी, ओपी सिंह, अनिल श्रीवास्तव तैनात हैं। लैब टेक्नीशियन शरद कुमार व प्रभात कुमार की तैनाती है।

प्रमुख विशेषज्ञों का कमी :

अस्पताल में स्त्री रोग विशेषज्ञ, बाल रोग विशेषज्ञ, हड्डी रोग विशेषज्ञ, फिजीशियन, नाक, कान व गला रोग विशेषज्ञ की तैनाती नहीं है। इनसे संबंधित केस प्राथमिक उपचार के बाद रेफर किए जाते हैं।

एक्सरे व अल्ट्रासाउंड की सुविधा नहीं :

स्वास्थ्य केंद्र में एक्सरे व अल्ट्रासाउंड जांच की सुविधा नहीं है। मरीजों को रेफर किया जाता है। टेक्नीशियन सुधीर पांडेय व अमित कुमार की तैनाती है। इनका वेतन यहां से निकल रहा है। सुधीर लखनऊ में संबद्ध हैं, अमित कोविड ड्यूटी में बाहर हैं। पैथालाजी में केवल ब्लड से संबंधित जांच की सुविधाएं हैं।

प्रसव के बाद नहीं मिला भोजन :

वार्ड में भर्ती रामपती ने बताया कि सोमवार को बहू का प्रसव कराया था। यहां कोई सुविधा नहीं है। खाने व नाश्ते में कुछ नहीं दिया गया। पास में खड़ी स्टाफ नर्स से कारण पूछा तो वह बिना कुछ कहे चली गईं।

30 की जगह नौ बेड उपलब्ध :

गोंदलामऊ सीएचसी 30 बेड का अस्पताल है। लेकिन, यहां केवल नौ बेड मौजूद हैं। इसमें से सात बेड डिलीवरी रूम व दो बेड इमरजेंसी रूम में हैं। वहीं, मरीजों की संख्या ज्यादा होने पर दिक्कत उत्पन्न हो जाती है।

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