बेमन तोड़ रहे अपने हाथों से बनाया आशियाना

घर मकान बहा ले जा रही नदी की कटान मकान तोड़कर ईंटें निकाल रहे पीड़ित

By JagranEdited By: Publish:Mon, 25 Oct 2021 12:29 AM (IST) Updated:Mon, 25 Oct 2021 12:29 AM (IST)
बेमन तोड़ रहे अपने हाथों से बनाया आशियाना
बेमन तोड़ रहे अपने हाथों से बनाया आशियाना

सीतापुर : किसी ने खून, पसीने की मेहनत से अपना आशियाना बनाया हो। उसे ही तोड़ना पड़ रहा हो। इसका दर्द उस व्यक्ति के अलावा और कोई नहीं जान सकता। बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में यही स्थिति है। नदी कटान में घर, मकान, खेत सब कुछ कटा जा रहा है। पीड़ित परिवार मकानों को तोड़कर ईंटे और सरिया निकाल रहे हैं। पीड़ितों का कहना है कि नदी में बह जाने से अच्छा है कुछ हाथ लग जाएगा जो आगे मदद देगा। ईंटे, सरिया, दरवाजे आदि सामान अगर कहीं दूसरी जगह भी अस्थाई ठिकाना बनाएंगे तो सहारा बनेगा। बढ़ईनपुरवा, शेखूपुर, दुर्गापुरवा में नदी लगातार घरों को काट रही है। शेखूपुर चेतराम, हजारी, श्रीपाल, प्रकाश, सूरज लाल, जयराम के मकान नदी की जद में थे। नदी रात तक मकानों को काट देगी। कटान से बचाने के लिए यह लोग मकान तोड़कर ईंट, सरिया व दरवाजा निकाल रहे थे। हजारी ने रोते हुए बताया कि नदी सब कुछ तबाह कर रही है। जिस मकान को मेहनत से बनाया था उसे आज बेमन तोड़ना पड़ रहा है। सूरज ने बताया कि ईंट व सरिया काम आ जाएगी। इसे न तोड़ तो नदी काट देगी। शेखूपुर में चुनिदा घर ही बचे हैं। अधिकांश घरों का कटान नदी कर चुकी है। प्रभावित परिवार गृहस्थी का सामान लेकर नकहा-कनौरा-किशोरगंज मार्ग पर शरण लिए हैं। यहां झोपड़ी व पालीथिन डालकर गुजर बसर कर रहे हैं।

135 में नाम के बचे घर

रेउसा : बढ़ईन पुरवा गांव का अस्तित्व संकट में है। 135 घरों में से मात्र छह से सात घर ही बचे हैं। वह भी कटान की कगार पर हैं। शारदा नदी तेज गति से कटान कर रही है। पिछले दिनों में नदी ने 71 घरों को काटकर समाप्त कर दिया। प्रभावित ग्रामीण अपने अपने घरों की सामग्री को बटोर कर परिवार सहित किशोर गंज से बढ़ईन पुरवा व किशोरगंज से नकहा कनोरा जाने वाले संपर्क मार्ग पर शरण लिए हैं।

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