मार्ग पर शव रखकर ग्रामीणों का प्रदर्शन, चार घंटे बाधित रहा आवागमन

चारपाई पर शव लेकर बीच मार्ग पर रखकर बल्लियों से बाधित किया रास्ता

By JagranEdited By: Publish:Sun, 13 Jun 2021 12:42 AM (IST) Updated:Sun, 13 Jun 2021 12:42 AM (IST)
मार्ग पर शव रखकर ग्रामीणों का प्रदर्शन, चार घंटे बाधित रहा आवागमन
मार्ग पर शव रखकर ग्रामीणों का प्रदर्शन, चार घंटे बाधित रहा आवागमन

सीतापुर : शुक्रवार सुबह संदिग्ध अवस्था में शख्स की मौत के बाद शनिवार सुबह से ग्रामीण काफी आक्रोशित हो गए। पीड़ित परिवारजन के सहयोग में उतरे ग्रामीणों ने अधेड़ की हत्या का आरोप लगाकर रामपुर मथुरा-महमूदाबाद मुख्य मार्ग पर शव रखकर जाम लगा दिया। सुबह सात बजे से चल रहा प्रदर्शन 10.50 बजे समाप्त हुआ। इस बीच करीब चार घंटे तक मार्ग का आवागमन बाधित रहा। मौके पर महमूदाबाद एसडीएम सुरेश कुमार व सीओ रवि शंकर प्रसाद के साथ भारी पुलिस बल पहुंचा था। एसडीएम-सीओ के समझाने और रिजर्व बिसरा जांच में हत्या की पुष्टि पर आरोपितों के विरुद्ध मुकदमा लिखने के वादे पर ग्रामीण माने। दोपहर दो बजे के दौरान तुलसीपुर खरिका गांव के बाहर खेत में अंतिम संस्कार कर दिया है।

आरोपितों के विरुद्ध मुकदमा दर्ज नहीं

शुक्रवार सुबह तुलसीपुर खरिका के राजेंद्र कुमार की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई थी। शव गांव के बाहर चकमार्ग पर मिला था। इस मामले में मृतक के पुत्र अमरेंद्र ने चार आरोपितों को नामजद कर तहरीर दी थी लेकिन, पुलिस ने ये कहकर मुकदमा नहीं लिखा था कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद मौत का कारण स्पष्ट होगा तभी एफआइआर लिखी जाएगी।

पोस्टमार्टम में मौत का कारण स्पष्ट नहीं

एसपी के मीडिया सेल से बताया कि मृतक राजेंद्र शुक्ल के पुत्र ने अपने पिता के शव के पोस्टमार्टम के लिए मांग की थी, उसके आधार पर उसका पोस्टमार्टम कराया गया। इसमें मौत का कारण स्पष्ट नहीं हुआ है। बिसरा रिजर्व हुआ है।

यह है पूरा मामला

शुक्रवार सुबह राजेंद्र शुक्ल को बटाईदार ने फोन कर मेंथा आयल देने के लिए अपने मरौचा गांव बुलाया था। राजेंद्र आयल लेने के लिए पिपिया लेकर मरौचा गए थे। यहां से राजेंद्र एक अन्य के साथ उसके घर चले गए थे, जहां से एक साइकिल सवार राजेंद्र को उसके गांव तुलसीपुर खरिका छोड़ने को गया था। बीच रास्ते में गांव के बाहर राजेंद्र को चकमार्ग पर लिटा दिया और साइकिल सवार राजेंद्र के घर पहुंच कर उसके बेटे अमरेंद्र को पिता की तबीयत खराब होना बताया था। अमरेंद्र व अन्य परिवारजन चकमार्ग पर पहुंचकर राजेंद्र को बेहोशी हालत में पाया था। उसे रामपुर मथुरा सीएचसी ले गए थे, जहां पर डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया था।

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