समितियों का सुधार, किसानों को मिल रहा योजनाओं का लाभ

केस 1 ग्राम मोहम्मदपुर निवासी रमाकांत के पास एक एकड़ जमीन है। 10 वर्षों से समिति पर खाद नह

By JagranEdited By: Publish:Thu, 08 Apr 2021 10:39 PM (IST) Updated:Thu, 08 Apr 2021 10:39 PM (IST)
समितियों का सुधार, किसानों को मिल रहा योजनाओं का लाभ
समितियों का सुधार, किसानों को मिल रहा योजनाओं का लाभ

केस 1

ग्राम मोहम्मदपुर निवासी रमाकांत के पास एक एकड़ जमीन है। 10 वर्षों से समिति पर खाद नहीं मिलने से बाजार से उठानी पड़ती थी। अब सस्ते दर पर फरवरी माह से यहीं पर खाद तथा कीटनाशक दवाएं मिलने लगी है। केस 2

करीब 50 बीघा जमीन पर फसल उगाने वाले मनीष ने बताया की न•ादीक की समिति है। अब खाद समेत बीज आसानी से जरूरत के मुताबिक मिल रही है। केस 3

सेमरिया गांव निवासी अलीजान बताते हैं। पहले जहां समितियों पर सन्नाटा पसरा रहता था। वहीं अब गुलजार रहती है। साथ ही समय समय पर गोष्ठी के माध्यम से उन्नतिशील खेती करने के गुण भी बताए जाते हैं।

बेहटा की 13 साधन सहकारी समितियों में पांच समितियां मुड़ीला, बसंतापुर, मरसंडा, पलौली व शाहपुर में खाद सीधे तौर पर किसानों को उपलब्ध हो रही है। जिसका श्रेय एडीओ सहकारिता सिद्धार्थ आर्य को जाता है। उन्होंने बदहाल पड़ी साधन सहकारी समितियों की हालत बदली। एडीओ सहकारिता सिद्धार्थ आर्य ने समितियों का रंगरोगन कराकर खाद के साथ ही गेंहू व धान खरीद भी शुरू कराई। इन समितियों को किसानों से पुन: जोड़ने का लक्ष्य बनाया। जिसके लिए सतत पैरवी कर जर्जर भवन में संचालित बेहटा पकौड़ी समिति के भवन की मरम्मत क्षेत्र पंचायत निधि से कराई। जिला सहकारी बैंक के माध्यम से लोन लेकर यहां पर खाद व्यवसाय भी शुरू कराया। जिससे किसानों को डीएपी, यूरिया, सल्फर, जिक आदि खाद मुहैया हुई। इसी तरह बसंतापुर, मुडिला, मरसंडा, पलौली, व शाहपुर में भी केंद्र सरकार बिना ब्याज के उपलब्ध कराए गए। अनुदान से खाद व्यवसाय शुरू हुआ। खंडहर में रिहार समिति का भी व्यवसाय के मिलने वाले कमीशन से मरम्मत कराकर व्यवसाय शुरू कराया।

किसानों की सेहत का रखा जाता है खयाल

एडीओ सहकारिता सिद्धार्थ आर्य ने किसानों को समितियों से सीधे जोड़ने के लिए समितियों पर स्वास्थ शिविर का आयोजन शुरू किया। जिसमें आने वाले किसानों का न सिर्फ चिकित्सकों से स्वास्थ परीक्षण हुआ बल्की दवा भी मिली। इसके अलावा कृषि जागरूकता शिविर लगाकर किसानों को जागरूक भी किया गया। वेतन पा सचिव के भी चेहरे खिले

सचिव का वेतन भी लंबे समय से बकाया था। खाद, धान, गेहूं खरीद का काम शुरू हुआ तो समिति को मुनाफा भी हुआ। बेहटा पकौड़ी समिति के सचिव रामनारायण मिश्रा बताते है कि पिछले बकाया वेतन में से कुछ माह का भुगतान हुआ है।

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