डाकघर की दौड़ लगा रहे दावाकर्ता, नहीं हो रहा भुगतान

डाक जीवन बीमा पालिसी धारक के दावाकर्ता परेशान तकनीकी दिक्कत तो कभी खाते की समस्या।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 08 Dec 2021 11:46 PM (IST) Updated:Wed, 08 Dec 2021 11:46 PM (IST)
डाकघर की दौड़ लगा रहे दावाकर्ता, नहीं हो रहा भुगतान
डाकघर की दौड़ लगा रहे दावाकर्ता, नहीं हो रहा भुगतान

सीतापुर : महज दो दावाकर्ता (वारिस) ही नहीं, डाक जीवन बीमा पालिसी धारकों के कई अन्य वारिस भी प्रधान डाकघर के चक्कर काट रहे हैं। धनराशि का भुगतान तो नहीं हो रहा। लेकिन, इन लोगों को हर बार नए नियम बताए जा रहे हैं। तकनीकी दिक्कत तो कभी खाते में धनराशि कम होने का हवाला दिया जाता है। हाल ये है कि गवाही देने वाले डाकघर के खाता धारक का बैलेंस भी पूछा जाता है। वहीं, जितनी धनराशि के लिए दावा किया जाता है, गवाह के खाते में भी उतनी ही धनराशि होने का नियम बताया जा रहा है। दावाकर्ता प्रेमला मिश्रा ने बताया कि उन्हें बेवजह दौड़ाया जा रहा है।

पोस्ट मास्टर प्रधान डाकघर अनिल शुक्ला ने बताया कि मुस्तफा अली का मामला जानकारी में है। तकनीकी दिक्कतों की वजह से भुगतान नहीं हो सका। उन्होंने जो खाता बताया था, वह चालू नहीं था। जल्द ही भुगतान हो जाएगा। वहीं, जिन दावाकर्ताओं की समस्या का समाधान नहीं हो रहा, वह हमसे आकर मिल सकते हैं।

केस-एक : नैपालापुर में रहने वाले मुस्तफा अली की युगल पालिसी थी। भुगतान के लिए उन्होंने जून में डाकघर में जरूरी दस्तावेज जमा किए थे। उन्हें बताया गया कि भुगतान डाकघर के खाते में ही होगा। दावाकर्ता (वारिस) ने डाकघर के खाते की डिटेल दे दी। पांच माह बाद भी भुगतान नहीं हुआ, जबकि नियमानुसार सितंबर तक पैसा मिल जाना था।

केस-दो : पालिसी धारक संजय के दावाकर्ता (वारिस) चित्रा को भी कागजी कार्रवाई पूरी किए दो माह बीत चुके हैं। बेटे अंकित शर्मा ने बताया कि डाकघर से अब तक भुगतान नहीं हुआ।

एपीएम प्रथम की हो चुकी है शिकायत :

दावाकर्ता व गवाहों को डाकघर के चक्कर कटवाने के मामले में प्रधान डाकघर के असिस्टेट पोस्ट मास्टर (एपीएम) प्रथम की शिकायत भी हो चुकी है। राष्ट्रीय अल्प बचत अभिकर्ता एसोसिएशन के सचिव अपूर्व अग्निहोत्री ने पोस्ट मास्टर जनरल व अन्य अधिकारियों को शिकायती पत्र भेजा है। अल्प बचत अभिकर्ताओं से अभद्र व्यवहार करने का आरोप भी लगाया गया है।

बचत पत्र हस्तांतरण में भी टालमटोल :

राष्ट्रीय बचत पत्र हस्तांतरण में भी हीलाहवाली की जा रही है। पात्र को डाकघर के कई चक्कर लगवाए जाते हैं। एसोसिएशन पदाधिकारियों के मुताबिक 30 दिन निर्धारित समय होने के बाद भी निस्तारण में कई माह लग जाते हैं।

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