मंत्री के जाते ही फुल हुआ चिल्ड्रेन वार्ड, दिखे एक बेड पर दो बच्चे

निरीक्षण में चकाचक नजर आने वाला जिला अस्पताल का

By JagranEdited By: Publish:Sun, 19 Sep 2021 10:43 PM (IST) Updated:Sun, 19 Sep 2021 10:43 PM (IST)
मंत्री के जाते ही फुल हुआ चिल्ड्रेन वार्ड, दिखे एक बेड पर दो बच्चे
मंत्री के जाते ही फुल हुआ चिल्ड्रेन वार्ड, दिखे एक बेड पर दो बच्चे

सीतापुर : निरीक्षण में चकाचक नजर आने वाला जिला अस्पताल का चिल्ड्रेन वार्ड, प्रभारी मंत्री के जाते ही फुल हो गया। एक-एक बेड पर दो-दो बच्चे नजर आने लगे। निरीक्षण के समय कुछ बच्चों को दूसरे वार्ड में भेज दिया गया था, यह तीमारदारों का कहना है। तीमारदारों ने बताया कि, जब प्रभारी मंत्री आई थीं उस समय उन्हें दूसरी जगह भेज दिया गया था। अब, फिर से एक ही बेड पर शिफ्ट कर दिया गया। चिल्ड्रेन वार्ड के बरामदे में एक ही बेड पर भर्ती राशी व रवींद्र निरीक्षण के समय अलग-अलग बेड पर था। मंत्री ने दोनों से बात की थी और अस्पताल की व्यवस्थाएं दुरुस्त होने की बात कही थी। अंशू और इकरा का इलाज भी एक ही बेड पर हो रहा था।

वार्ड में 42 बच्चे, रविवार को भर्ती हुए 10

चिल्ड्रेन वार्ड में रविवार को 42 बच्चे भर्ती थे। रविवार को 10 बच्चे भर्ती हुए। इनमें बुखार, डायरिया पीड़ित बच्चे शामिल हैं। सलहाबाद निवासी आठ वर्षीय राशी तीन दिन से भर्ती है। उसे सात दिन से बुखार आ रहा है। अटवा निवासी बाबूराम की बेटी अंशू को चार दिन से बुखार आ रहा है। रविवार को उससे चिल्ड्रेन वार्ड में भर्ती कराया गया।

दीपक शुक्ला को तेज बुखार, इमरजेंसी में हो रहा उपचार

गांव सोनारी निवासी दीपक शुक्ला को सात दिन से बुखार आ रहा है। रविवार को उनका इमरजेंसी में उपचार हो रहा था। बहन पूजा ने बताया कि गांव में बुखार का प्रकोप फैला है। प्रत्येक घर में कोई न कोई बीमार है। उससे परिवार में भी कुछ लोग बुखार की चपेट में हैं। गांव नकरहिया निवासी राजेश भी बुखार की चपेट में हैं। परिवारजन उन्हें लेकर जिला अस्पताल आए।

महिला और मेडिकल वार्ड में भी बुखार के मरीज

जिला अस्पताल के महिला वार्ड में चार मलेरिया पीड़ितों का उपचार हो रहा है। बुखार पीड़ित मरीज भी भर्ती हैं। शाम के समय महिला वार्ड में 35 मरीज भर्ती थे। मेडिकल बी वार्ड में भी मलेरिया व बुखार पीड़ित मरीज भर्ती किए गए हैं।

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इस समय बुखार व अन्य बीमारियों के मरीजों की संख्या बढ़ी है। चिल्ड्रेन वार्ड में भर्ती बच्चे ठीक भी हो रहे हैं। संख्या अधिक होने पर एक बेड पर दो बच्चों का उपचार किया जाता है।

- एके अग्रवाल, सीएमएस

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