प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र निर्माण में बजट का रोड़ा
बिसवां लहरपुर व महमूदाबाद इलाके में निर्माणाधीन हैं तीन प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र
जितेंद्र अवस्थी, सीतापुर :
बेहतर स्वास्थ्य सेवाओं की आस लगाए बैठे ग्रामीणों को बजट की कमी ने निराश कर दिया है। धनराशि न मिलने से तीन प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों का निर्माण अधर में अटक गया है। लहरपुर के अकैचनपुर-फरीदपुर, बिसवां के मोइजुद्दीनपुर व महमूदाबाद के अहिबनपुर में बन रहे अस्पतालों का निर्माण अब तक पूरा नहीं हो सका है। प्रधानमंत्री जन विकास कार्यक्रम के तहत बिसवां तहसील के मोइजुद्दीनपुर, लहरपुर के अकैचनपुर-फरीदपुर व महमूदाबाद तहसील के गांव अहिबनपुर में वर्ष 2019-20 में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र का निर्माण स्वीकृत हुआ था। निर्माण भी शुरू करा दिया गया। पहली किस्त तो मिली, लेकिन दूसरी किस्त जारी नहीं हो पाई। बजट की कमी से काम रुक गया। करीब एक वर्ष से अस्पताल का निर्माण रुका हुआ है।
निर्माण पर खर्च होगा 1.49 करोड़
प्रधानमंत्री जन विकास कार्यक्रम से बन रहे अस्पतालों के निर्माण पर प्रति प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र 1.49 करोड़ की धनराशि खर्च होगी।
उपभोग प्रमाण पत्र के फेर में फंसा बजट
जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी कृष्ण मुरारी ने बताया कि, पहली किस्त से कराए गए कार्य के सापेक्ष उपभोग प्रमाण पत्र नहीं भेजा जा सका था। समय से उपभोग प्रमाण पत्र न जाने से धनराशि रुक गई है। तीनों प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों का उपभोग प्रमाण पत्र भेजा जा चुका है। जल्द ही बजट जारी होने की संभावना है। धनराशि मिलते ही काम पूरा करा दिया जाएगा। सीएमओ को कोरोना वॉरियर्स का सम्मान
सीतापुर : सीएमओ डा. मधु गैरोला को राष्ट्रीय महिला आयोग की तरफ से कोरोना वारियर्स महिला, उत्तर प्रदेश के सम्मान से नवाजा गया है। यह सम्मान उन्हें कोरोना काल में सराहनीय कार्य के बदले मिला है। रविवार को नई दिल्ली में आयोजित एक कार्यक्रम में राष्ट्रीय महिला आयोग की तरफ से कोरोना वारियर्स का सम्मान सीएमओ को मिला है। इस सम्मान के मिलने से जिले के स्वास्थ्य अधिकारियों व कर्मचारियों में हर्ष है। सीएमओ के साथी अधिकारियों ने बताया, सीएमओ को केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री प्रकाश जावडेकर ने सम्मानित किया है। आपको बता दें, डॉ. मधु गैरोला सीतापुर जिले में सीएमओ के पद पर नवंबर 2020 पदभार ग्रहण किया था। इससे पहले वह गोंडा जिले में सीएमओ थीं। गोंडा में कोरोना को लेकर जो उनकी कार्य प्रणाली थी, उसी क्रम में उन्हें यह सम्मान मिला है।