रोडवेज बस के पहिये में फंस 50 मीटर तक घिसटा बाइक सवार, मौत

संसू खैराबाद/बरई जलालपुर (सीतापुर) हाईवे पर रफातपुर गांव के पास बाइक और रोडवेज ब

By JagranEdited By: Publish:Mon, 25 Jan 2021 10:58 PM (IST) Updated:Mon, 25 Jan 2021 10:58 PM (IST)
रोडवेज बस के पहिये में फंस 50 मीटर तक घिसटा बाइक सवार, मौत
रोडवेज बस के पहिये में फंस 50 मीटर तक घिसटा बाइक सवार, मौत

संसू, खैराबाद/बरई जलालपुर (सीतापुर) : हाईवे पर रफातपुर गांव के पास बाइक और रोडवेज बस की भिड़ंत में बाइक सवार की मौत हो गई है। हादसा सोमवार शाम साढ़े चार बजे का है। बाइक सवार युवक और बस लखनऊ की तरफ जा रहे थे। इसी बीच अनुबंधित रोडवेज बस ने रफातपुर गांव के समीप बाइक में पीछे से टक्कर मार दी। इसमें बाइक बस के अगले पहिया में फंसकर करीब 50 मीटर तक घिसट गई। पेड़ से टकराने पर बस रुकी। बाइक सवार युवक के कमर से होकर बस का पहिया निकल गया। इससे उसकी कुछ ही देर में मौके पर मौत हो गई।

बताया जा रहा है बाइक सवार मृतक युवक की रसूलगंज निवासी सुधाकर राजपूत पुत्र राधे के रूप में शिनाख्त हुई है। वह जिस बाइक पर सवार था, वह बाइक सत्य नारायण जायसवाल निवासी 625, सिविल लाइन सीतापुर के नाम से पंजीकृत है। थानाध्यक्ष ओपी राय ने बताया, जब तक वह घटनास्थल पर पहुंचे उस समय तक बस में सवार यात्री अन्य वाहनों से गंतव्य स्थान के लिए निकल गए थे। फिलहाल, अनुबंधित रोडवेज बस अभी घटना स्थल पर ही खड़ी है। उन्होंने बताया, घटना के संबंध में वह और जानकारी जुटा रहे हैं। हादसे में शामिल बस के चालक-परिचालक के बारे में जानकारी कर रहे हैं।

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ट्रेंच विधि से गन्ना बोआई लाभकारी

संसू, सरैंया (सीतापुर) : पहला क्षेत्र के लोधौरी गांव में चीनी मिल बिसवां के कर्मचारियों ने पूजन के साथ बसंतकालीन गन्ना बोआई का शुभारंभ कराया। सहायक गन्ना अधिकारी इंद्रपाल सिंह, विनोद वर्मा व वीरेंद्र वर्मा ने किसान राजेंद्र प्रसाद व माता प्रसाद के खेत में को 0118 गन्ना प्रजाति की बोआई कराई। सहायक गन्ना अधिकारी ने कहा कि ट्रेंच विधि किसानों के लिए लाभकारी है। इस विधि से बोआई कर किसान सहफसल का लाभ उठा सकते हैं। ट्रेंच विधि से गन्ने की एक आंख का टुकड़ा काटकर ट्राइकोडर्मा से उपचारित करने के बाद निर्धारित दूरी पर बोआई करें। किसान 0118, 98014, 94184 व 8272 प्रजाति के गन्ना बीज की ही बोवाई करें। 0238 की बोआई करें तो ट्राइकोडर्मा जैविक फफूंद नाशक से उपचारित करने के बाद। अन्यथा रोग लगने की संभावना रहती है।

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