पात्रता की कसौटी पर घर के सपनों की बुनियाद
गरीबों को घर देने वाले जनपद सीतापुर में प्रधानमंत्री आवास योजना लाभ सर्वाधिक गरीबों को मिला।
सीतापुर : देश में सबसे ज्यादा गरीबों को घर देने वाले जनपद सीतापुर में प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण के तहत पात्रों को तलाशने का काम इन दिनों जोरों पर चल रहा है। आवास प्लस की सत्यापन प्रक्रिया अभी चल रही है। जिला मुख्यालय के अफसर इसकी मॉनीटरिग में जुटे हैं तो ब्लॉकों पर यह जुगत चल रही है कि जल्द से जल्द सत्यापन का काम पूरा हो।
आवास प्लस में रजिस्टर्ड लोगों को मानकों की कसौटी पर रखकर अपात्रों पर 'कैंची' चलाई जा रही है। पात्रता की शर्तों को पूरा कर पाना आसान नहीं है। दरअसल, ऐसे परिवार भी अपात्र माने जाएंगे, जिनके घर पर लैंडलाइन फोन और फ्रिज है। इन्हीं मानकों पर खरे उतरने वाले लोगों के घर के सपने की बुनियाद रखी जाएगी। अनुमान लगाया जा रहा है कि इस बार सूची से करीब एक लाख अपात्र बाहर हो जाएंगे। अगर यह अनुमान सही बैठता है कि एक बार फिर 1.90 लाख से अधिक लोग पात्र होंगे। इन्हें प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण का लाभ मिल सकता है। हालांकि, इस प्रक्रिया के पूरे होने में अभी थोड़ा समय लग सकता है।
पहले 15 को बंद होनी थी वेबसाइट
पात्रों के सत्यापन की प्रक्रिया को पूराकर डाटा वेबसाइट पर अपलोड किया जा रहा है। पहले यह वेबसाइट 15 सितंबर को बंद होनी थी लेकिन, प्रक्रिया लंबी होने की वजह से अभी थोड़ा समय और मिल गया है।
इस बार ग्राम पंचायत वार लॉग इन
प्रक्रिया में अपात्रों के चयन न हो, इसके लिए ग्राम पंचायत स्तर पर ही जिम्मेदारी भी सौंपी गई है। लॉग इन और पासवर्ड सेक्रेटरी को दिया गया है। एडीओ को सेक्टर प्रभारी बनाया गया है। अगर कोई अपात्र चयनित होता है तो इन्हें ही जिम्मेदार माना जाएगा।
21 बिदुओं की होगी जांच, ये हैं प्रमुख..
- बाइक, तिपहिया और चौपहिया के साथ ही मछली पकड़ने की नाव।
- मशीनरी तिपहिया और चौपहिया कृषि उपकरण वाले।
- 50 हजार या इससे अधिक केसीसी ऋण लेने वाले किसान।
- सरकार के पास पंजीकृत गैर कृषि उद्यम वाले परिवार।
- आयकर और व्यवसाय कर देने वाले परिवार।
- ऐसा परिवार, जिसका कोई सदस्य 10 हजार से अधिक कमा रहा हो।
- 2.5 एकड़ से अधिक सिचित भूमि और एक सिचाई उपकरण वाले।
आवास प्लस के सत्यापन की प्रक्रिया चल रही है। पात्रों के चयन के लिए 21 बिदु निर्धारित किए गए हैं। इन्हीं के आधार पर अपात्रों को बाहर किया जा रहा है। अपात्रों की छंटनी के बाद पात्रों को आवास देने की प्रक्रिया आगे बढ़ेगी।'
- एके सिंह, पीडी डूडा।