अंडर आफीसर बन, कैडेट्स को पढ़ा रहीं अनुशासन का पाठ

आरएमपी महाविद्यालय की छात्रा एनसीसी बी सार्टिफिकेट प्राप्त कर चुकी हैं

By JagranEdited By: Publish:Wed, 06 Oct 2021 11:37 PM (IST) Updated:Thu, 07 Oct 2021 12:15 AM (IST)
अंडर आफीसर बन, कैडेट्स को पढ़ा रहीं अनुशासन का पाठ
अंडर आफीसर बन, कैडेट्स को पढ़ा रहीं अनुशासन का पाठ

सीतापुर: आरएमपी महाविद्यालय में बीए तृतीय वर्ष कर रही प्रांजलि दीक्षित एनसीसी की अंडर आफीसर हैं। एनसीसी का बी सर्टिफिकेट प्राप्त कर चुकी प्रांजलि सी सार्टिफिकेट कोर्स कर रही हैं। एनसीसी का प्रभाव उनके जीवन पर साफ दिख रहा है। अनुशासित जीवन शैली, उत्साह पूर्वक किसी काम को अंजाम देने की क्षमता से हमेशा लबरेज रहती हैं। समय से परेड ग्राउंड पर पहुंचकर एनसीसी के सभी क्रिया कलापों को करती हैं। अपनी इसी कार्यशैली के बल पर ही एनसीसी की अंडर आफीसर बन गईं। अब वह नयी महिला कैडेट्स को अनुशासन के साथ एनसीसी के क्रिया कलापों को बताती हैं। उनके अंडर में 50 महिला कैडेट्स हैं जिनको परेड, माकड्रिल, निशानेबाजी आदि सिखा रही हैं।

प्रतिभा के बल पर झटके पांच गोल्ड मैडल

एनसीसी कैंपों को करते हुए प्रांजलि ने एक और कीर्तिमान स्थापित किया है। उन्होंने पांच-पांच गोल्ड मैडल जीते हैं, जिसको पूरा करना कोई सहज कार्य नहीं होता है। प्रांजलि ने बेस्ट ड्रिल, बेस्ट फायर फायरिग, क्विज, बैड मिटन में गोल्ड, सीएटीसी कैंप में स्वर्ण पदक जीता है। इन सब के अलावा खेल प्रतियोगिता में प्रतिभाग करते हुए स्टेट लेबल पर हैडबाल प्रतियोगिता में स्थान बनाया। यह प्रतियोगिता हिमांचल प्रदेश के बिलासपुर में हुई थी।

सामाजिक सरोकारों को कर रहीं पूरा

प्रांजलि के पिता श्रवण दीक्षित कोआपरेटिव सचिव व मां रेनू दीक्षित गृहणी हैं। उनको अपने माता पिता से भी सामाजिक सरोकारों को पूरा करने का संस्कार मिला है। शिक्षा, नारी जागरण, स्वच्छता, स्वास्थ्य जागरूकता कार्यक्रम को पूरा कर रही हैं। मिशन शक्ति कार्यक्रम के तहत बालिकाओं, युवतियों को स्वावलंबन, आत्मरक्षा के तौर तरीके बताती हैं। स्वच्छता कार्यक्रम के तहत कैडेट्स के साथ पार्कों की साफ सफाई भी करती रहती हैं। कोरोना काल में प्रवासियों के आने पर उनकी सेवा, कोविड टीकाकरण अभियान में लोगों का सुरक्षित टीकाकरण कराया।

chat bot
आपका साथी