खाते में पड़े 2.5 करोड़, हांफ रहीं स्वास्थ्य सेवाएं

कोरोना की रोकथाम को नगर निकायों के खाते में भेजी गई थी धनराशि

By JagranEdited By: Publish:Wed, 19 May 2021 12:12 AM (IST) Updated:Wed, 19 May 2021 12:12 AM (IST)
खाते में पड़े 2.5 करोड़, हांफ रहीं स्वास्थ्य सेवाएं
खाते में पड़े 2.5 करोड़, हांफ रहीं स्वास्थ्य सेवाएं

सीतापुर : जिले की दम तोड़ती स्वास्थ्य सेवाओं में थोड़ा-बहुत सुधार हो जाता अगर स्वास्थ्य विभाग जिले की नगर निकायों के खाते में पड़े 2.5 करोड़ रुपये का समय से उपयोग कर लेता। कोविड महामारी की रोकथाम के लिए निकायों के खाते में भेजी गई यह धनराशि दस माह से खातों में ही पड़ी है। स्वास्थ्य विभाग व निकायों के जिम्मेदार इस धनराशि से जिले की स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार के लिए संजीदा ही नहीं हुए। शासन से भेजी गई धनराशि निकायों के खातों से बाहर नहीं निकल सकी और स्वास्थ्य सेवाएं बदहाल ही रहीं।

अगस्त 2020 में मिली थी धनराशि

शासन ने कोविड महामारी के नियंत्रण व रोकथाम के लिए राज्य वित्त आयोग से धनराशि मुहैया कराई थी। प्रदेश के जिलों को ए और बी श्रेणी में शामिल कर 2.50 व 1.50 करोड़ रुपये स्वीकृत किए थे। सीतापुर को ए श्रेणी में रखा गया और ढाई करोड़ रुपये भेजे गए। स्वास्थ्य विभाग को इस धनराशि के खर्च का प्रस्ताव देना था।

संविदा पैरा मेडिकल स्टाफ व किराए पर ले सकते हैं वाहन

डीएम की अध्यक्षता वाली स्वास्थ्य समिति इस धनराशि से सर्विलांस व सैंपलिग के लिए वाहन किराए पर ले सकती है। डाक्टर, पैरा मेडिकल स्टाफ भी संविदा पर रखे जाने की बात कही गई थी। इसके अलावा जरूरत पड़ने पर स्वास्थ्य सेवाओं से संबंधित सामग्री भी खरीदी जा सकती है। धनराशि को खर्च करने में निदेशालय से भी अनुमति की जरूरत नहीं है।

किस निकाय के खाते में है कितनी धनराशि

कोरोना महामारी की रोकथाम को सबसे अधिक करीब 84 लाख रुपये सीतापुर नगर पालिका को आवंटित हुए। इसी तरह बिसवां को करीब 25 लाख, खैराबाद को 22, लहरपुर नगर पालिका को 28 लाख रुपये भेजे गए। महोली, पैंतेपुर, हरगांव व सिधौली नगर पंचायतों को भी धनराशि आवंटित हुई।

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