बाढ़ पीड़ितों को कोई कष्ट नहीं होने देगी सरकार
बेसिक शिक्षा मंत्री स्वतंत्र प्रभार डा. सतीश द्विवेदी ने कहा कि योगी सरकार बाढ़ पीड़ितों को कोई कष्ट नहीं होने देगी। सपा-बसपा की सरकारों में बाढ़ पीड़ितों को लाई चना माचिस और मोमबत्ती देकर अपने कर्तव्यों की इतिश्री कर लेते थे। परंतु जब से प्रदेश में योगी सरकार आई है हालात बदले हैं।
सिद्धार्थनगर : बेसिक शिक्षा मंत्री स्वतंत्र प्रभार डा. सतीश द्विवेदी ने कहा कि योगी सरकार बाढ़ पीड़ितों को कोई कष्ट नहीं होने देगी। सपा-बसपा की सरकारों में बाढ़ पीड़ितों को लाई, चना, माचिस और मोमबत्ती देकर अपने कर्तव्यों की इतिश्री कर लेते थे। परंतु जब से प्रदेश में योगी सरकार आई है हालात बदले हैं।
डा. सतीश विधानसभा क्षेत्र इटवा के भनवापुर ब्लाक के भड़रिया चौराहे पर बाढ़ प्रभावित गोपिया और सिसई गांव की जनता को राहत सामग्री का वितरण कर रहे थे। कहा कि आज बंधों की स्थित सुधरी है, यही कारण है कि अब पूर्वांचल में बाढ़ से तबाही कम हुई है। बाढ़ पीड़ितों को इतनी राहत सामग्री दी जा रही है कि जिसे अकेला आदमी उठाकर नहीं ले जा सकता। 10 किलो आटा, 10 किलो चावल, 10 किलो आलू, 5 किलो लाई, 2 किलो दाल, 2 किलो चना के साथ ही साथ नमक, मसाला, धनिया, मोमबत्ती, बिस्कुट तथा साबुन सहित आवश्यक घरेलू संबंधित सारी वस्तुएं दी जा रही हैं, जिससे बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में रह रहे लोगों को कोई कष्ट न हो। इस अवसर पर मण्डल अध्यक्ष बिस्कोहर श्रवण गिरी, ब्लाक प्रमुख प्रतिनिधि खुनियांव राजेन्द्र दूबे, रामकृष्ण द्विवेदी, लवकुश शुक्ला, बब्बू पाण्डेय, अनुराग पाण्डेय, भोलानाथ पाण्डेय, अन्नू द्विवेदी, राजेन्द्र दूबे, गिरधर चतुर्वेदी सहित कार्यकर्ता मौजूद रहे। बाढ़ प्रभावित गांवों में सुरक्षा का सिखाया गुर
सिद्धार्थनगर : नया रिकार्ड बना चुकी राप्ती की बाढ़ से प्रभावित गांवों के लोग सहमे हुए हैं। शुक्रवार को ज्वाइंट मजिस्ट्रेट जग प्रवेश व राष्ट्रीय आपदा अनुक्रिया बल (एनडीआरएफ) के साथ बांसी के मियां जोत, मझवन कला, गोठवा घाट, डड़वा घाट, मऊ, हड़वा आदि गांवों का निरीक्षण कर ग्रामीणों को बाढ़ से बचाव की जानकारी दी।
ज्वाइंट मजिस्ट्रेट जग प्रवेश ने कहा कि ग्रामीणों को किसी प्रकार की कोई असुविधा न हो इसके लिए प्रशासन पूरी तरह से मुस्तैद है। उन्होंने ग्रामीणों से राहत सामग्री वितरण की भी जानकारी ली। राष्ट्रीय आपदा अनुक्रिया बल के विक्रम सिंह ने कहा कि नदी के किनारे बसे गांवों पर बरसात के दिनों में सबसे अधिक खतरा रहता है। इस खतरे का सामना लोगों को धैर्य के साथ करना चाहिए । उन्होंने कहा कि जब कभी बाढ़ का खतरा नजर आए तो सबसे पहले सुरक्षित किसी ऊंचे स्थान पर पहुंच जाएं जहां बाढ़ का पानी न पहुंच सके। बिना किसी सहयोग के बाढ़ के पानी में कभी न उतरें। बाढ़ के समय पानी कितना है। इसका अंदाजा नहीं रहता। इस दौरान प्रशासन को मदद के लिए सूचित करें।