संस्था की पहल पर गर्भवतियों ने कराया कोरोनारोधी टीकाकरण

यह खबरें जिले की उन गर्भवती महिलाओं के लिए प्रेरणा हैं जिन्होंने अभी कोविड-19 का टीका नहीं लगवाया है। वहीं विभिन्न शोध ने यह साबित हो चुका है कि टीका लगने से गर्भवती उसके गर्भस्थ शिशु जचा और उसके बचे के स्वास्थ्य पर कोई विपरीत प्रभाव नहीं पड़ता है।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 03 Dec 2021 10:42 PM (IST) Updated:Fri, 03 Dec 2021 10:42 PM (IST)
संस्था की पहल पर गर्भवतियों ने  कराया कोरोनारोधी टीकाकरण
संस्था की पहल पर गर्भवतियों ने कराया कोरोनारोधी टीकाकरण

सिद्धार्थनगर: यह खबरें जिले की उन गर्भवती महिलाओं के लिए प्रेरणा हैं, जिन्होंने अभी कोविड-19 का टीका नहीं लगवाया है। वहीं विभिन्न शोध ने यह साबित हो चुका है कि टीका लगने से गर्भवती, उसके गर्भस्थ शिशु, जच्चा और उसके बच्चे के स्वास्थ्य पर कोई विपरीत प्रभाव नहीं पड़ता है। यह टीका गर्भवती और धात्री महिलाओं के लिए भी पूरी तरह से सुरक्षित है। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन की निदेशक अपर्णा उपाध्याय की ओर से जिलाधिकारी व सीएमओ को भी निर्देश प्राप्त हुआ है। जिले में कोरोनारोधी टीकाकरण को बढ़ावा देने के लिए सेंटर फार एडवोकेसी एंड रिसर्च (सीफार) की ओर से लाभार्थियों को फोन कर उन्हें कोविड वैक्सीन लगवाने के लिए जागरूक और प्रेरित किया जा रहा है। सेंटर फार एडवोकेसी एंड रिसर्च (सीफार) से जुड़े सदस्य लाभार्थियों को फोन कर उन्हें कोविड वैक्सीन लगवाने के फायदे बता रहे हैं।

क्या कहते हैं सीएमओ

सीएमओ डा. संदीप चौधरी का कहना है कि कोरोना से बचाव का टीका गर्भावस्था से के शुरुआती दिनों से लेकर प्रसव तक कभी भी लगवाया जा सकता है। जो महिलाएं कोरोना से संक्रमित हुईं हैं, वह स्वस्थ होने के तीन माह बाद यह टीका लगवा सकती हैं। 35 साल से अधिक आयु की वह गर्भवती जो बीपी, शुगर अथवा अन्य गंभीर बीमारियों से ग्रसित हैं, उन्हें कोरोना का खतरा सबसे ज्यादा है। गर्भावस्था के दौरान जिन्होंने कोरोनारोधी टीके लगवाए, प्रसव के बाद उनमें और उनके नवजात में एंटीबाडी पाई गई। सीएमओ का कहना है कि गर्भावस्था के दौरान प्लेसेंटा के जरिए गर्भस्थ शिशु को कोरोना से बचाव की वैक्सीन मिलती है, जिससे गर्भस्थ शिशु को कोई परेशानी नहीं होती है। उन्होंने स्तनपान कराने वाली महिलाओं से भी अपील की है कि वह भी बिना संकोच के कोरोनारोधी टीका लगवाएं। माहवारी के दौरान भी टीका लगावाया जा सकता है।

केस-एक : सीफार की सलाह पर तिलौली ब्लाक के रामनगर गांव की 25 वर्षीया सीता ने गर्भावस्था के दौरान बीती 23 नवंबर को तिलौली सीएचसी पर कोरोना से बचाव के टीके की दूसरी डोज लगवाई।

केस- तीन : संस्था के सहयोग से मिठवल ब्लाक के खबरा गांव की 24 वर्षीया रेखा भारती ने गर्भावस्था के दौरान बीती 13 नवंबर को तिलौली सीएचसी पर कोरोना से बचाव के लिए टीके का दूसरा डोज लगवाया।

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