शाहपुर-सिगारजोत मार्ग की स्थिति जलभराव से बदतर
ब्लाक क्षेत्र में करोड़ों की लागत से बने संपर्क मार्ग अपनी जर्जरता पर आंसू बहा रहे हैं। दर्जनों ग्राम पंचायतों को आपस में जोड़ने के साथ- साथ गैर जनपद को जोड़ने वाले मार्ग भी बद से बदतर हो चुके हैं। बारिश होते ही सड़क पर जलभराव हो जाता है।
सिद्धार्थनगर: ब्लाक क्षेत्र में करोड़ों की लागत से बने संपर्क मार्ग अपनी जर्जरता पर आंसू बहा रहे हैं। दर्जनों ग्राम पंचायतों को आपस में जोड़ने के साथ- साथ गैर जनपद को जोड़ने वाले मार्ग भी बद से बदतर हो चुके हैं। बारिश होते ही सड़क पर जलभराव हो जाता है। जिससे राहगीरों को आवागमन में काफी परेशानी झेलनी पड़ती है। जिम्मेदार विभाग समस्या को जानकर भी मौन साधे बैठा है। जिससे दिक्कत समाप्त होने की जगह बढ़ती ही जा रही है।
शाहपुर- सिगारजोत मार्ग बाढ़ प्रभावित इलाकों की लाइफलाइन है, लेकिन इस मार्ग की दुर्दशा पर महकमा मौन है। 22 किमी इस मार्ग का निर्माण 2014 में ग्राम विकास विभाग ने नौ करोड़ 65 लाख रुपये से पूर्ण कराया था। महज छह वर्षों में ही सड़क चलने योग्य नहीं बची। दो दिन हुई हल्की बारिश से सड़क के गड्ढों में पानी भर गया है। इससे राहगीरों को आवागमन में कठिनाई झेलनी पड़ रही है।
बुढऊ से बड़हरा लोनिवि मार्ग की लंबाई सिर्फ सात किमी है, लेकिन जर्जरता का आलम यह है कि सात किमी का सफर पूरा करने में एक घंटे से अधिक का वक्त लग जाता है। पांच वर्ष पहले यह मार्ग एक करोड़ 20 लाख रुपये की लागत से बना। मानक विहीन काम होने से निर्माण के साथ गिट्टियां उखड़ने लगी। अब स्थिति ऐसी खतरनाक है कि राहगीर इस मार्ग पर घायल होकर यात्रा पूरी करते हैं।
बदलिया से सोहना तक 10 किमी. लंबे मार्ग का निर्माण आठ वर्ष पहले ग्राम विकास विभाग ने तीन करोड़ 60 लाख रुपये की लागत से कराया, लेकिन दो वर्ष बाद ही मार्ग की गिट्टियां जगह- जगह उखड़ गई। इस समय मार्ग से आने जाने वाले लोगों को काफी असुविधा होती है। इसी मार्ग पर कृषि विज्ञान केंद्र भी है, लेकिन जर्जरता को दुरुस्त करने का इंतजाम नहीं है।
अधिशासी अभियंता राजेश कुमार ने कहा कि शाहपुर-सिगारजोत मार्ग के निर्माण की स्वीकृति मिल चुकी है। शीघ्र काम शुरू होगा। अन्य मार्गों के लिए भी प्रस्ताव भेजा गया है।