जलजमाव तो कहीं सड़क किनारे कूड़े का ढेर
टाउन में अभी सफाई कर्मी की तैनाती नहीं हो सकी है जबकि जिम्मेदार वैकल्पिक व्यवस्था कराने में नाकाम हैं। यही वजह है कि कहीं मार्ग पर जलजमाव है तो कहीं सड़क किनारे कूड़े का ढेर लगा है। नागरिक नारकीय स्थिति से जूझने को विवश हैं।
सिद्धार्थनगर : नगर पंचायत में स्वच्छता अभियान का बुरा हाल है। वर्तमान में जिस तरफ नजर दौड़ाएं, हर ओर गंदगी का ही ढेर दिखाई देगा। टाउन में अभी सफाई कर्मी की तैनाती नहीं हो सकी है, जबकि जिम्मेदार वैकल्पिक व्यवस्था कराने में नाकाम हैं। यही वजह है कि कहीं मार्ग पर जलजमाव है, तो कहीं सड़क किनारे कूड़े का ढेर लगा है। नागरिक नारकीय स्थिति से जूझने को विवश हैं।
नगर पंचायत में अभी न तो किसी सफाई कर्मी की नियुक्ति हुई है और न ही आउट सोर्सिंग व्यवस्था प्रारंभ हो सकी है। जिसके चलते टाउन में जो भी गांव शामिल हुए हैं, वहां सफाई व्यवस्था भगवान भरोसे है। गंदगी की ओर किसी का ध्यान नहीं गया। नपं से जुड़े क्षेत्र की बात कौन करे, मुख्यालय पर सफाई इंतजाम नहीं हैं। इटवा-डुमरियागंज मार्ग पर अस्पताल व पेट्रोल पंप के पास कूड़े-कचरे का ढेर है, तो मस्जिद के रास्ते में गंदा जलजमाव फैला है। बांसी मार्ग पर प्राइवेट बस स्टैंड के पास भी गंदगी का अंबार है। राजकुमार व देवानंद ने कहा कि पूरे नगर में सफाई ध्वस्त है, जिम्मेदारों का रवैया उदासीन है। महेश व अमित दुबे ने कहा कि गंदगी से नारकीय स्थिति के साथ संक्रामक रोग फैलने का खतरा बना रहता है।
ईओ नगर पंचायत राजन अग्रहरि ने कहा कि अभी किसी सफाई कर्मी की तैनाती नहीं है, राज्यवित्त में धन आने के बाद आउट सोर्सिंग व्यवस्था की जाएगी। वैसे पंद्रह वें वित्त में धन आया है, उसमें कूड़ा निस्तारण की व्यवस्था बनाई जाएगी।
चेता विभाग, खेसरहा मार्ग पर तोड़े जाने लगे ब्रेकर
सिद्धार्थनगर के बांसी- खलीलाबाद मार्ग स्थित बेलौहा ब्लाक सीमा पर मार्ग निर्माण के समय चार जगहों पर बनाए गए गति अवरोधक विभाग अब तोड़वा रहा है। दुर्घटनाओं का संज्ञान लेकर बीते मंगलवार को दैनिक जागरण ने दुर्घटना का सबब बन रहे गति अवरोधक शीर्षक से प्रमुखता से प्रकाशित किया था। जिसका प्रशासन ने तीन दिन बाद संज्ञान लिया और ब्रेकर को तोड़ने का लोक निर्माण विभाग को आदेश दे दिया। गुरुवार सुबह से लोनिवि के कर्मचारी मार्ग पर बने गति अवरोधकों को तोड़ने का कार्य शुरू कर दिए हैं।
विभाग ने जो ब्रेकर बनवाया वह काफी ऊंचे -ऊंचे बना दिए गए। साथ ही न तो कोई संकेत बोर्ड लगाया और न ही कोई सांकेतिक पट्टी ही लगाया। इसके चलते फर्राटा भरते वाहनों से आए दिन दुर्घटनाएं होने लगी थी। बाइक पर पीछे बैठा व्यक्ति अक्सर गिर भी जाता था। पूर्व में बाइक सवार कई महिलाएं गिर कर गंभीर स्थिति में पहुंच चुकी हैं।