दो नदियों व चार पहाड़ी नालों से मचती है तबाही
मानसून का समय नजदीक आ गया है। तराई क्षेत्र में बसे इस जिला में नेपाल के पहाड़ से सीधे यहीं पर मैदानी क्षेत्र में नदी व नाला उतरते हैं। पहाड़ पर होने वाले बारिश का असर यहां पर दिखाई पड़ता है। नदी व नाला नेपाल के पहाड़ से उतर कर सीधे शोहरतगढ़ तहसील क्षेत्र में प्रवेश करती है।
सिद्धार्थनगर : मानसून का समय नजदीक आ गया है। तराई क्षेत्र में बसे इस जिला में नेपाल के पहाड़ से सीधे यहीं पर मैदानी क्षेत्र में नदी व नाला उतरते हैं। पहाड़ पर होने वाले बारिश का असर यहां पर दिखाई पड़ता है। नदी व नाला नेपाल के पहाड़ से उतर कर सीधे शोहरतगढ़ तहसील क्षेत्र में प्रवेश करती है। तहसील क्षेत्र में बूढ़ी राप्ती व बानगंगा नदी के साथ सोतवा, जमुआर, घोरही व चरगहवा पहाड़ी नाला गुजरते हैं। मानसून के समय यह उफान पर आ जाते हैं। इससे इन नदी व पहाड़ी नाला के तट पर बसे 40 गांव प्रभावित होते हैं। जिनमें 17 ऐसे गांव हैं, जो अधिकांश बाढ़ में मैरुंड हो जाते हैं।
प्रशासन ने तहसील क्षेत्र में संभावित बाढ़ से बचाव के लिए योजना तैयार की है। आठ ऐसे गांव चिह्नित किए गए हैं, जहां नाव की आवश्यकता पड़ सकती है। ग्रामीणों के पास मौजूद सात व प्रशासन के पास दस नाव उपलब्ध है। इन्हें चलाने के लिए 55 क्षेत्रीय प्रशिक्षित नाविकों को चिह्नित किया है। बाढ़ के समय नदी व नाला अपनी धारा की दिशा बदल रहे हैं। इससे कई गांव कटान की जद में आने लगे हैं।
संवेदनशील कटान वाले गांव
ग्राम पंचायत- नदी
भैसहवा टोला गुलरिहा- बूढ़ी राप्ती
महरथा- बूढ़ी राप्ती
बरैनिया- बानगंगा
मटियार उर्फ भुतहवा- बूढी राप्ती
खैरी उर्फ झुंगहवा- बूढ़ी राप्ती
तौलिहवा टोला बालानगर- बूढ़ी राप्ती
महमूदवा ग्रांट- बानगंगा
परसोहिया नानकार- बानगंगा
बैदोली- बानगंगा
महमूदवा ग्रांट टोला जीतपुर- बानगंगा
महथा बाजार- बानगंगा मैरुंड होने वाले गांव
बाढ़ का पानी कई गांवों में घुसता है। इनमें कई गांव मैरुंड हो जाते हैं। मैरुंड होने वाले गांव में पकड़िहवा, बैरिहवा, भैसहवा, नौतला सरपतहा, राजाकोहा उर्फ प्रतापपुर, तौलिहवा, अमहवा, नदवलिया, रामापुर, सेमरी उर्फ गुलरगजवा, खैरी शीतल प्रसाद, टीकर, तालकुंडा, खैरी उर्फ झुंगहवा, रेकहट, मटियार उर्फ भुतहवा और बैजनथा का टोला चिखुरीडीह है।
एसडीएम शिवमूर्ति ने कहा कि प्रशासन ने संभावित बाढ़ को लेकर तैयारियां पूरी कर ली है। संवेदनशील स्थलों को चिह्नित कर लिया गया है। इन स्थानों पर सिचाई विभाग को निगाह रखने के लिए निर्देशित किया गया है। मैरुंड गांवों का चिह्नांकन हो गया है। इन गांवों के हल्का लेखपाल को अलर्ट रहने के लिए कहा गया है। नाव व नाविकों की व्यवस्था कर ली गई है। नदियों क जलस्तर पर निगाह रखी जा रही है।