टीकाकरण पर भ्रम फैलाया, जागरूक करने की मिली सजा
इंटरनेट मीडिया पर कोविड टीकाकरण को लेकर गलत टिप्पणी तीन युवकों को भारी पड़ गई। भ्रामक जानकारी देने के आरोप में उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया। एसडीएम की कोर्ट में उन्होंने गलती के लिए क्षमा मांगी तो कोर्ट ने उन्हें इस शर्त पर माफी दी कि वे 100-100 लोगों को जागरूक करेंगे और सही जानकारी देंगे।
सिद्धार्थनगर: इंटरनेट मीडिया पर कोविड टीकाकरण को लेकर गलत टिप्पणी तीन युवकों को भारी पड़ गई। भ्रामक जानकारी देने के आरोप में उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया। एसडीएम की कोर्ट में उन्होंने गलती के लिए क्षमा मांगी तो कोर्ट ने उन्हें इस शर्त पर माफी दी कि वे 100-100 लोगों को जागरूक करेंगे और सही जानकारी देंगे। यह काम पूरा करने के बाद पूरी सूचना थाने में देंगे।
डुमरियागंज थानाक्षेत्र के युसुफजोत गांव रहने वाले तीन युवकों विजय कुमार वर्मा पुत्र स्व. बाबू लाल, अशोक कुमार पुत्र वासुदेव एवं अशोक कुमार पुत्र परशुराम ने फेसबुक और वाट्सएप पर टिप्पणी की थी कि कोविड टीकाकरण से भी लोग सुरक्षित नहीं तो इससे फायदा क्या? देखते ही देखते यह मैसेज वायरल हो गया। जानकारी होने पर शुक्रवार को कोतवाल केडी सिंह ने तीनों को गिरफ्तार कर एसडीएम की कोर्ट में पेश किया। एसडीएम ने पहले तो उन्हें टीकाकरण का महत्व समझाया और बताया कि जिन्हें टीका लगा है, उनका रिकवरी रेट बेहतर है। इसलिए टीकाकरण ही बेहतर विकल्प है। साथ ही यह भी बताया कि तीनों ने गलत मैसेज भेजकर लोगों को भ्रमित किया है, इसलिए उन्हे जेल भेजा जाएगा। जेल की बात सुनते ही तीनों युवकों ने गलती स्वीकार कर ली। कोर्ट से माफी मांगते हुए कहा कि भविष्य में ऐसी गलती नहीं करेंगे। इसके बाद एसडीएम ने तीनों को 100-100 लोगों को टीकाकरण का लाभ बताने और इसके लिए जागरूक करने की सजा सुनाई। यह भी आदेश दिया कि यह कार्य पूरा करने के बाद लिखित रूप से थाने में सूचना देनी होगी।
एसडीएम त्रिभुवन ने कहा कि
तीनों ने फेसबुक व वाट्सएप पर गलत पोस्ट की थी। उन्हें सजा के रूप में जागरूक करने की जिम्मेदारी दी गई है। इंटरनेट मीडिया पर प्रशासन की नजर है। किसी भी प्रकार की गलत व भ्रामक जानकारी पोस्ट या शेयर करने वालों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।