बारिश ने फेरा किसानों की उम्मीदों पर पानी
बारिश व हवा से साठ फीसद से अधिक नुकसान की उम्मीद एक दिन पूर्व लहलहा रही फसल धराशायी किसानों में चिता
सिद्धार्थनगर : प्रकृति की मार ने किसानों की उम्मीद पर पानी फेर दिया है। एक दिन पहले खेत में लहलहा रही गेहूं की फसल जमीन पर धराशायी हो गई। जिससे किसान माथे पर हाथ रख अपनी नसीब को कोस रहे हैं। कृषि विभाग भी साठ फीसद से अधिक नुकसान होने की अनुमान लगा रहा है। जांच कर नुकसान का आकलन करने के लिए डीएम दीपक मीणा ने टीम का गठन किया है। सभी एसडीएम को तहसील का नोडल बनाया गया है।
जिले में 176094 हेक्टेयर में रबी की खेती हुई है। इसमें 158545 हेक्टेयर खेत में गेहूं की बोआई की गई है। जनपद में धान और गेहूं दो फसलें प्रमुख मानी जाती हैं। कभी बाढ़ तो कभी सूखा की मार से किसान परेशान रहते हैं। सप्ताह पूर्व बारिश व तेज हवा से किसान संभल भी नहीं पाए थे कि शुक्रवार की रात हुई बारिश ने गेहूं की फसल चौपट कर दिया। इटवा कार्यालय के अनुसार बारिश से गेहूं, सरसों की फसल सर्वाधिक नुकसान हुआ है। किसान अफसर अहमद, राम संवारे, अमित कुमार, संजय सिंह, राम प्रकाश ने कहा कि गेहूं, सरसों, मटर सभी के लिए बारिश नुकसानदायक है। कृषि विज्ञान केंद्र सोहना के फसल सुरक्षा विशेषज्ञ डा. प्रदीप कुमार ने कहा कि किसान थोड़ी सतर्कता बरतें। जल निकासी व्यवस्था का प्रबंधन करें, जिससे ज्यादा क्षति न हो सके।
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10 मिली मीटर से अधिक हुई बारिश शुक्रवार की रात हुई बेमौसम बारिश ने गेहूं की फसल बर्बाद कर दी है। कृषि विभाग के मुताबिक पूरे जिले में 10 मिली मीटर से अधिक बारिश हुई है। तहसील क्षेत्रों में कहीं-कहीं 20 से 25 मिली मीटर बारिश हुई है। जो रबी की फसलों के लिए काफी नुकसान दायक साबित हो सकता है।