श्रीकृष्ण जन्मोत्सव पर हर ओर छाई खुशी
जन्मोत्सव की झांकी निकलते ही श्रद्धालु पुष्प की वर्षा करने लगे।
सिद्धार्थनगर : विकास खंड भनवापुर के सुकालाजोत गांव में चल रहे श्रीमद भागवत कथा के छठे दिन भगवान श्रीकृष्ण का जन्मोत्सव धूमधाम से मनाया गया। जन्मोत्सव में संगीतकार के सोहर भजन पर श्रोता खूब झूमे। भगवान श्रीकृष्ण के जयकारों तथा नन्द के आनंद भयो जय कन्हैयालाल की जयघोष से वातावरण गूंजायमान हो उठा। पंडाल में हर ओर खुशी का माहौल छा उठा।
कथावाचक बाबा पवन जी महाराज ने भगवान श्रीकृष्ण की बाल लीलाओं का वर्णन कर धर्म, अर्थ, काम एवं मोक्ष की महत्ता पर विस्तार पूर्वक प्रकाश डाला। कहा, कि जब-जब धरा पर अत्याचार, दुराचार, पापाचार बढ़ता है, तब-तब प्रभु का अवतार होता है। प्रभु का अवतार अत्याचार को समाप्त करने और धर्म की स्थापना के लिए होता है। मथुरा में राजा कंस के अत्याचार से व्यथित होकर धरती की करुण पुकार सुनकर नारायण ने कृष्ण रूप में देवकी के अष्टम पुत्र के रूप जन्म लिया और धर्म और प्रजा की रक्षा कर कंस का अंत किया। कहा कि जीवन में भागवत कथा सुनने का सौभाग्य मिलना बड़ा दुर्लभ है। जब भी हमें यह सुअवसर मिले, इसका सदुपयोग करना चाहिए। कथा का सुनना तभी सार्थक होगा, जब उसके बताए मार्ग पर चलकर परमार्थ का काम करेंगे। लौटू बाबा, विपिन दूबे, श्यामलाल, चिनकन यादव, अदालत वर्मा, अजय, फुल्लुर, शिवम, ईन्नी बाबा, सत्तन वरुण, गंगाराम, चिन्नू यादव, रामनाथ, सुभाष, चनद्रभान, प्रकाश आदि उपस्थित रहे।