तीन दोस्तों के बीच दफन है हत्या का राज
हार्डवेयर व्यवसायी कुमार मनोज उर्फ मनोज कुमार की हत्या का राज तीन दोस्तों के बीच दफन है। पुलिस इसकी खोज में जुटी है। संदिग्ध व संदेह के आधार पर कुछ लोगों से पूछताछ कर रही है। कुछ तो पल-पल अपने बयान भी बदल रहे हैं।
सिद्धार्थनगर : हार्डवेयर व्यवसायी कुमार मनोज उर्फ मनोज कुमार की हत्या का राज तीन दोस्तों के बीच दफन है। पुलिस इसकी खोज में जुटी है। संदिग्ध व संदेह के आधार पर कुछ लोगों से पूछताछ कर रही है। कुछ तो पल-पल अपने बयान भी बदल रहे हैं। हत्या के पीछे का राज क्या है, अभी इसके पीछे से पर्दा नहीं उठा है। अवैध संबंध, पैसे का लेनदेन और लूट के बीच पूरी कहानी उलझ कर रह गई है। हत्या के मुख्य किरदार की तलाश में पुलिस की टीम लगी है। हत्या का समय रविवार रात नौ बजे के आसपास आंका जा रहा है। चेहरे व फर्श पर गिरा खून जम गया था। 12 घंटे से ऊपर का समय बीतने पर खून के थक्कों में जमने लगता है।
व्यवसायी कुमार मनोज की निजी जीवन भी रहस्य से भरा था। युवा अवस्था में वह काम की तलाश में बिहार के बेगूसराय से यहां आया था। प्लंबर के बढि़या कारीगरों में गिनती होती थी। महत्वाकांक्षी मनोज ने हार्डवेयर का व्यापार शुरू किया। इसमें भी वह आगे बढ़ता गया। लेकिन सोहबत नहीं ठीक थी। रोजाना शराब पीने का शौक जोर पकड़ता गया। इसी बीच संदिग्ध परिस्थितियों में पत्नी की मौत हो गई। बुजुर्ग पिता उसे आदतों को लेकर फटकार लगाते रहे तो वह उन्हें वृद्धाश्रम छोड़ आया। कालोनी निवासियों के अनुसार तीन दोस्तों से उसकी खूब जमती थी। देर रात तक यह लोग पार्टी करते थे। कभी कभार अंजान युवतियां भी यहां आती थीं। उसके साथ काम करने वाले एक कर्मी ने बताया कि अलमारी में हमेशा नकदी मौजूद रहता था। यह लाखों की रकम होती थी। घटना के समय भी पार्टी की तैयारी थी। देसी शराब पी गई थी। किसी एक ने मीट भी खाया था। दो लोगों का हिस्सा वैसे ही रखा था। पुलिस का मानना है कि जब मनोज नशे की हालात में पहुंच गया तो लोगों ने हत्या कर दी।
एएसपी सुरेश चंद्र रावत ने कहा कि
पुलिस मामले की जांच कर रही है। एसओजी को भी लगाया गया है। कुछ लोग संदेह के दायरे में आए हैं। इन्हें पुलिस खोज रही है। कालोनी के कुछ लोगों से पूछताछ की गई है। इनसे कई अहम जानकारियां मिली हैं। जल्द ही पुलिस हत्या का पर्दाफाश करेगी।