पूर्वी उप्र की पहचान है काला नमक: सांसद

सांसद जगदंबिका पाल ने कहा कि काला नमक चावल पूर्वी उत्तर प्रदेश की पहचान है। इसकी खेती 11 जिलों में होती है। इस चावल का मुख्यालय सिद्धार्थनगर बनेगा। वैसे ही जैसे पश्चिमी उत्तर प्रदेश की पहचान बासमती चावल का मुख्य केंद्र मेरठ बना है।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 26 Sep 2021 11:16 PM (IST) Updated:Sun, 26 Sep 2021 11:16 PM (IST)
पूर्वी उप्र की पहचान है काला नमक: सांसद
पूर्वी उप्र की पहचान है काला नमक: सांसद

सिद्धार्थनगर : सांसद जगदंबिका पाल ने कहा कि काला नमक चावल पूर्वी उत्तर प्रदेश की पहचान है। इसकी खेती 11 जिलों में होती है। इस चावल का मुख्यालय सिद्धार्थनगर बनेगा। वैसे ही जैसे पश्चिमी उत्तर प्रदेश की पहचान बासमती चावल का मुख्य केंद्र मेरठ बना है। एक जनपद एक उत्पाद में चयनित होने के बाद काला नमक चावल को वैश्विक पहचान मिलने लगी है। पहली बार 35 मीट्रिक टन काला नमक चावल का निर्यात सिगापुर में किया गया। वहां इसे बुद्धा राइस के नाम से जाना जाता है।

सांसद ने यह बातें रविवार को लोहिया कला भवन में आजादी का अमृत महोत्सव में हुए वाणिज्य उत्सव एक्सपोटर्स कानक्लेव 2021 में कही। इस आयोजन में सिगापुर के काला नमक चावल के आयातक आनंद सिंह भी वर्चुअल जुड़े। उन्होंने कहा कि आजादी के 75 वीं वर्षगांठ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में अमृत महोत्सव मनाया जा रहा है। देश आजाद कराने वाले बलिदानियों को नमन करते हैं। इसी श्रृखंला में कार्यक्रम आयोजित किया गया है। एक जनपद एक उत्पाद में चयनित इस चावल का निर्यात किया जा रहा है। किसानों को अधिक लाभ मिल रहा है। स्वयं सहायता समूह गठन से महिलाएं स्वरोजगार की ओर अग्रसर है। आयातक आनंद सिंह ने कहा काला नमक चावल को बुद्धा राइस के नाम से भी जाना जाता है। इस चावल की खुशबू बरकरार रखने के लिए अच्छी पैकिग होनी चाहिए। निर्यात होने के बाद इसकी मांग बढ़ने लगी है, सरकार को इसका उत्पादन बढ़ाने के लिए पहल करने की आवश्यकता है। स्वयं सहायता समूह की महिलाओं को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया। जिलाध्यक्ष भाजपा गोविद माधव, परियोजना निदेशक डीआरडीए संत कुमार, डीडीओ शेषमणि सिंह, जिला सूचना विज्ञान अधिकारी नसीम अहमद, उपायुक्त उद्योग दयाशंकर सरोज आदि मौजूद रहे।

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