सड़कों की स्थिति बदहाल, जिम्मेदार बने अनजान

मरम्मत के अभाव में ग्रामीण क्षेत्र की सड़कें बदहाल हैं। पहले से जर्जर मार्ग बरसात के दिनों में खतरनाक हो गए हैं। जिस पर सफर करना कष्टदायक बना हुआ है। थोड़ी चूक पर राहगीर दुर्घटना के शिकार हो जा रहे हैं। जिम्मेदार हैं जो समस्या समाधान की दिशा में अनजान बने हुए हैं।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 24 Jul 2021 11:35 PM (IST) Updated:Sat, 24 Jul 2021 11:35 PM (IST)
सड़कों की स्थिति बदहाल, जिम्मेदार बने अनजान
सड़कों की स्थिति बदहाल, जिम्मेदार बने अनजान

सिद्धार्थनगर : मरम्मत के अभाव में ग्रामीण क्षेत्र की सड़कें बदहाल हैं। पहले से जर्जर मार्ग बरसात के दिनों में खतरनाक हो गए हैं। जिस पर सफर करना कष्टदायक बना हुआ है। थोड़ी चूक पर राहगीर दुर्घटना के शिकार हो जा रहे हैं। जिम्मेदार हैं जो समस्या समाधान की दिशा में अनजान बने हुए हैं।

इटवा तहसील क्षेत्र में तीन सड़कों की हालात चितनीय है। यहां आवागमन करना किसी सजा से कम नहीं है।

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मुड़िला-पकड़ी पठान मार्ग इटवा डीडी रोड पर मुड़िला से पकड़ी पठान की करीब पांच किमी दूरी का मार्ग प्रधानमंत्री सड़क योजना अन्तर्गत बनाया गया। करीब 2,6841,521.32 लाख रूपये की लागत से बनी सड़क के लिए अनुरक्षण की धनराशि 7,25,000 लाख रुपये सुरक्षित की गई। अंतिम महीनों में मरम्मत पर कोई ध्यान नहीं दिया गया। जिसके बाद अनुरक्षण समय सीमा भी समाप्त हो गई। प्रधानमंत्री सड़क अब पीडब्लूडी को हैंडओवर हो चुकी है। अब सड़क कब ठीक होगी, कुछ पता नहीं है। सुहेलवा तक तो सड़क बनी हुई है। लेकिन करहिया से पिपरी बुजुर्ग गांव जिसकी दूरी करीब 2.5 किलोमीटर है, यहां सड़क अस्तित्व खोने के कगार पर है। इटवा बक्शी के पास स्थिति बड़ी खतरनाक है। राम कुबेर, सलाम, राम बहाल, अब्दुल वहीद ने कहा कि बारिश के दिनों में आवागमन बहुत तकलीफदेह बना हुआ है।

मिठौवा-इटवा मार्ग पर बारिश के चलते तालाब जैसी स्थिति बनी हुई है। सबसे बुरे हालात भगवतपुर गांव के पास है। जहां पानी में घुसकर ग्रामीणों को रास्ता तय करना पड़ता है। उक्त मार्ग की दूरी करीब 13 किमी है। आवागमन की ²ष्टि से सड़क महत्वपूर्ण है। बेलवा,सेमरा, कठेला, गौरडीह, धोबहा, भैंसाही, कनकटी, रतनपुर, मधवापुर का संपर्क मार्ग है। बरसात के मौसम में सड़क की स्थिति बड़ी विकट हो गई है। गौरडीह के पास भी जलजमाव है। महीनों से सड़क गड्ढों में तब्दील है, लेकिन इसकी मरम्मत पर कोई ध्यान नहीं दिया गया। जिसका खामियाजा क्षेत्रवासियों को भुगतना पड़ रहा है। सड़क पहले से टूटी है, इसलिए मोटर साइकिल सवार कब पानी में गिरकर हादसे का शिकार हो जाएं, इसका आशंका बनी रहती है। विनोद, कली, रमेश, अवनीश ने कहा कि अधिकारियों की उदासीनता के चलते उक्त स्थिति बनी हुई है।

इटवा-बिस्कोहर मार्ग की स्थिति नगर पंचायत में ही दयनीय हो गई है। कपिया गांव में दाखिल होने से पहले पड़ने वाले पुल के निकट विकराल गड्ढा हो गया है। जो आए दिन दुर्घटना की वजह बन रहा है। आवागमन की ²ष्टि से मार्ग महत्वपूर्ण है। मुख्य मार्ग होने के साथ ही आसपास के गांवों का भी संपर्क मार्ग है। सड़क में जो गड्ढा बन गया है, उसमें बारिश के बाद पानी भर जाता है। अक्सर बाइक सवार अनियंत्रित होकर गिरकर दुर्घटना का शिकार हो जाते हैं। तिपहिया वाहन चालक भी परेशान होते हैं। पुल के आसपास अतिरक्त जगह भी नहीं है, कि लोग किनारे हटकर बच सके। पिछले दिनों गदाखौवा निवासी प्रमोद, गांव के घनश्याम और यादव अब तक चोटहिल हो चुके हैं। दाऊजी, अधिवक्ता सौरभ श्रीवास्तव, अवधेश दुबे, डुग्गू, ब्रिजेश दुबे, निक्कू, प्रिस ने सड़क ठीक कराने की मांग की है।

मुड़िला-पकड़ी पठान मार्ग का नवीनीकरण के लिए प्रस्ताव भेजा गया है। उम्मीद है कि बरसात के बाद इस पर कार्य प्रारंभ हो जाए। बिस्कोहर-इटवा मार्ग भी स्वीकृत है, शीघ्र ही इस पर भी कार्य शुरू होगा। पीडब्लूडी की जो भी सड़कें है, उसकी दशा सुधारने के लिए विभाग गंभीर है। प्रक्रिया के तहत कार्य कराया जाएगा।

व्यास मुनि, जेई लोक निर्माण विभाग

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