पुरानी पेंशन के लिए शिक्षकों व कर्मियों ने भरी हुंकार

कर्मचारी शिक्षक अधिकारी पेंशनर्स अधिकार मंच के बैनर तले गुरुवार को पुरानी पेंशन सहित अन्य मांगों को लेकर शिक्षकों व कर्मचारियों ने कलेक्ट्रेट परिसर में धरना दिया और मांगों को न पूरा करने पर वक्ताओं ने सरकार के ऊपर संवेदनहीनता का आरोप लगाया।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 28 Oct 2021 11:16 PM (IST) Updated:Thu, 28 Oct 2021 11:16 PM (IST)
पुरानी पेंशन के लिए शिक्षकों व कर्मियों ने भरी हुंकार
पुरानी पेंशन के लिए शिक्षकों व कर्मियों ने भरी हुंकार

सिद्धार्थनगर : कर्मचारी, शिक्षक, अधिकारी पेंशनर्स अधिकार मंच के बैनर तले गुरुवार को पुरानी पेंशन सहित अन्य मांगों को लेकर शिक्षकों व कर्मचारियों ने कलेक्ट्रेट परिसर में धरना दिया और मांगों को न पूरा करने पर वक्ताओं ने सरकार के ऊपर संवेदनहीनता का आरोप लगाया। आंदोलन में अधिकारियों और कर्मचारियों का भी पूरा सहयोग रहा। धरने का समापन विभिन्न मांगों को लेकर प्रधानमंत्री व मुख्यमंत्री को संबोधित ज्ञापन प्रशासन को सौंपने के बाद हुआ।

ग्राम विकास अधिकारी एसोसिएशन उत्तर प्रदेश के प्रदेश उपाध्यक्ष सुजीत कुमार जायसवाल ने कहा कि सरकार ने कर्मचारियों का हक मारकर चैन से नहीं बैठ सकती। हर कर्मचारी के लिए पेंशन बुढ़ापे की लाठी होती है। इस लाठी को सरकार कमजोर बना रही है, जिसे अधिकार मंच बर्दाश्त नहीं करेगा। सरकार शिक्षकों-कर्मचारियों की आवाज को सरकार लगातार अनसुना कर रही है। मंच के वरिष्ठ उपाध्यक्ष योगेंद्र पांडेय ने कहा कि सरकार को पुरानी पेंशन बहाल करना ही होगा। वेतन विसंगतियों को दूर नहीं किया जा रहा है़। शिक्षामित्र, अनुदेशकों, आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं सहित अन्य अस्थाई कर्मियों ़को नियमित किया जाना चाहिए। अध्यक्षता करते हुए अनिल सिंह ने कहा कि सरकार को शिक्षकों व कर्मचारियों के मांगों पर संवेदना दिखानी चाहिए। कोरोना काल सहित सरकार के हर लक्ष्य को पूरा करने के लिए सरकारी कर्मी जी -जान से जुटे रहते हैं फिर भी सरकार जायज मांगों को पूरा करने से हिचक रही है। धरना को विभिन्न संगठनों के ओमप्रकाश पांडेय, राम बेलास यादव, हृदय नारायण मिश्रा, राजेश श्रीवास्तव, सुधीर श्रीवास्तव, अजय गुप्ता, रवींद्र जाटव, आशुतोष मिश्रा, अरुण प्रजापति, वीरेंद्र प्रजापति, विनय कुमार श्रीवास्तव, राजेश मिश्र, राम प्रकाश मिश्रा, कलीमुज्जफर, इंद्रजीत यादव, अवधेश यादव, कमलेश यादव, एसके सिंह, लालजी गौतम, आशीष सिंह, गयानंद मिश्रा, लालजी यादव, एसके सिंह,संतोष त्रिपाठी, भानु प्रताप मिश्र, सुधाकर मिश्रा, रानी सिंह आदि ने संबोधित किया। जावेद आलम, शैलेंद्र मिश्रा, अभय श्रीवास्तव, रूपेश सिंह, कृपाशंकर, इंद्रसेन सिंह, राकेश सिंह, शिवाकांत दूबे, राम लौटन, संजय आनंद आदि मौजूद रहे। अंत में विभिन्न मांगों केसंबंध में प्रधानमंत्री व मुख्यमंत्री को संबोधित ज्ञापन उपजिलाधिकारी सदर विकास कश्यप को सौंपा गया।

ये हैं प्रमुख मांगें : पुरानी पेंशन बहाली, बंद भत्तों को बहाली। शिक्षामित्रों को स्थायी शिक्षक बनाया जाए।

अनुदेशकों के मानदेय में बढ़ोतरी की जाए। परिषदीय विद्यालयों में आधारभूत सुविधाएं व शिक्षकों की पदोन्नति दी जाए। शिक्षकों को कैशलेस चिकित्सा सुविधा प्रदान की जाए।

विभिन्न संवर्गो की वेतन विसंगतियां दूर की जाए। लेखपालों के प्रशिक्षण अवधि को सेवा का भाग माना जाए।

रसोइयों, आशा बहुओं, आंगनबाड़ी व अन्य कर्मियों का न्यूनतम मानदेय 15000 किया जाए।

30 नवंबर को लखनऊ में होगा प्रदर्शन

कर्मचारी, शिक्षक, पेंशनर्स अधिकार मंच के प्रधान सचिव ओमप्रकाश पांडेय ने बताया कि यदि सरकार ने पुरानी पेंशन सहित अन्य मांगों को पूरा नहीं किया तो पूरे प्रदेश के शिक्षक व कर्मचारी लखनऊ के इको गार्डेन पार्क में जुटकर हुंकार भरेंगे।

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