बिना प्रयोगशाला चलती यहां पाठशाला

अपने बेटा- बेटी को विज्ञान वर्ग की पढ़ाई कराकर वैज्ञानिक एवं डॉक्टर बनाने का सपना पाले अभिभावक अपने बच्चों के जीवन से खिलवाड़ कर रहे हैं। बांसी क्षेत्र के विज्ञान वर्ग के अधिकांश विद्यालयों में प्रयोगशाला या तो एक आलमारी में चल रही या उनके पास जरूरी उपकरण ही नहीं

By JagranEdited By: Publish:Thu, 05 Dec 2019 11:37 PM (IST) Updated:Fri, 06 Dec 2019 06:10 AM (IST)
बिना प्रयोगशाला चलती यहां पाठशाला
बिना प्रयोगशाला चलती यहां पाठशाला

सिद्धार्थनगर : अपने बेटा- बेटी को विज्ञान वर्ग की पढ़ाई कराकर वैज्ञानिक एवं डॉक्टर बनाने का सपना पाले अभिभावक अपने बच्चों के जीवन से खिलवाड़ कर रहे हैं। बांसी क्षेत्र के विज्ञान वर्ग के अधिकांश विद्यालयों में प्रयोगशाला या तो एक आलमारी में चल रही या उनके पास जरूरी उपकरण ही नहीं है। कुछ विद्यालय शिक्षक विहीन हैं। कई में छात्रों की संख्या अधिक है। इन्हें पढ़ाने के लिए शिक्षक नहीं हैं। जबकि विज्ञान वर्ग के छात्रों से हर माह फीस वसूली जा रही है। गुरुवार को पड़ताल में काफी खामियां मिलीं। कई विद्यालयों के जिम्मेदार कुछ भी बताने से कतराते नजर आए।

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केस एक

खेसरहा विकास खंड में अनुदानित विकास इंटर कालेज काफी पुराना है । विज्ञान वर्ग के कुल चार सौ छात्र - छात्राएं शिक्षा पंजीकृत हैं । विद्यालय में जीव विज्ञान की प्रयोगशाला एक आलमारी में चल रही है । भौतिक व रसायन विज्ञान की प्रयोगशाला में सुविधाओं व उपकरणों का घोर अभाव है । विज्ञान वर्ग की शिक्षा के लिए यहां मात्र तीन अध्यापक तैनात हैं।

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केस दो

विकास खण्ड बांसी के तलपुरवा स्थित अनुदानित श्री राधाकृष्ण इंटर कालेज में एक प्रयोगशाला में जीव, भौतिक व रसायन विज्ञान के छात्र प्रयोग करते हैं । यहां विज्ञान वर्ग में कुल 278 छात्र -छात्राएं पंजीकृत हैं । जिसके अध्यापन हेतु कुल चार अध्यापक तैनात हैं । सप्ताह में तीन दिन छात्र प्रयोग करते हैं। एक लैब में तीनों प्रयोगशाला का संचालन खतरनाक हो सकता है ।

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केस तीन

नगर में अनुदानित रतन सेन इंटर कालेज प्रयोगशाला के मामले में सबसे अधिक धनी विद्यालय है । यहां तीनों वर्ग के लिए अलग -अलग लैब की व्यवस्था के साथ पर्याप्त उपकरण व रसायन देखने को मिला । थोड़ी कमी जीव विज्ञान के प्रयोगशाला प्रयोग संबंधी जंतुओं की पर्याप्त उपलब्धता होने से रही । यहां प्रत्येक प्रयोगात्मक विषय के लिए दो -दो अध्यापकों की तैनाती है ।

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केस चार

करहवा स्थित वित्त विहीन विद्यालय राम रक्षा चौधरी अर्जुन कुमार इंटर कालेज में प्रयोगशाला नहीं है। मानदेय के अध्यापकों से विज्ञान की पाठशाला चलती है । जबकि यहां प्रत्येक छात्र से प्रतिमाह विज्ञान फीस के नाम पर 50 रुपये लिए भी जाते हैं । विज्ञान वर्ग में इस विद्यालय में कुल 140 छात्र छात्राएं अध्यनरत हैं ।

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केस पांच

बानकुईंया स्थित वित्तविहीन राम सेवक राम कुमार इंटर कालेज में भी बिना प्रयोगशाला के ही विज्ञान वर्ग की शिक्षा 462 छात्र -छात्राएं ग्रहण कर रहे हैं । यहां भी इस वर्ग की पढ़ाई के लिए कोई विषय विशेषज्ञ नहीं है। वैकल्पिक अध्यापकों के बल पर विद्यालय प्रबंधन छात्रों के भविष्य को संवारने का दावा कर रहा है । प्रयोगात्मक परीक्षा के दौरान किसी कमरे में प्रयोगशाला की व्यवस्था कर दी जाती है ।

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जहां भी प्रयोगशाला नहीं हैं, उन विद्यालयों से स्पष्टीकरण मांगा जाएगा। ऐसे विद्यालय प्रबंधकों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई होगी, जो बिना प्रयोगशाला की सुविधा के शुल्क वसूल रहे हैं। उनका केंद्र भी डिबार किया जा सकता है।

एएन मौर्य, जिला विद्यालय निरीक्षक

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