एंबुलेंसकर्मियों का हड़ताल दूसरे दिन भी जारी, मरीजों को हुई परेशानी

संयुक्त जिला अस्पताल में मरीजों की भारी भीड़ हो रही है। सर्वाधिक लोग सर्दी जुकाम बुखार और शरीर दर्द से पीड़ित होकर आ रहे हैं। मंगलवार को एम्बुलेंस कर्मियों के हड़ताल का असर भी दिखा। तमाम गंभीर रोगी अपने साधन से इलाज कराने पहुंचे।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 27 Jul 2021 10:36 PM (IST) Updated:Tue, 27 Jul 2021 10:36 PM (IST)
एंबुलेंसकर्मियों का हड़ताल दूसरे दिन भी जारी, मरीजों को हुई परेशानी
एंबुलेंसकर्मियों का हड़ताल दूसरे दिन भी जारी, मरीजों को हुई परेशानी

सिद्धार्थनगर: संयुक्त जिला अस्पताल में मरीजों की भारी भीड़ हो रही है। सर्वाधिक लोग सर्दी, जुकाम, बुखार और शरीर दर्द से पीड़ित होकर आ रहे हैं। मंगलवार को एम्बुलेंस कर्मियों के हड़ताल का असर भी दिखा। तमाम गंभीर रोगी अपने साधन से इलाज कराने पहुंचे। स्वास्थ्य विभाग का यह दावा फेल नजर आया कि मरीजों को अस्पताल पहुंचाने के लिए विभागीय गाड़ियों को लगाया गया है।

एम्बुलेंस हड़ताल की वजह से भिटिया निवासी समसुद्दीन अपने स्वजन को बीमारी की हालत में निजी वाहन से लेकर अस्पताल पहुंचे। कबुलियां निवासी उमेश अपने स्वजन को गोद में लेकर अस्पताल पहुंचे। कोरोना का संक्रमण अभी खत्म नहीं हुआ है। इसके बावजूद लोग बेपरवाह हो गए हैं। अस्पताल में आए अधिकतर लोग तो शारीरिक दूरी का पालन करते नजर नहीं आए। मास्क का प्रयोग भी कम ही लोग कर रहे हैं। ओपीडी में बने कक्ष चार में मरीज देख रहे डा. रहमत खान कहते हैं कि इस वक्त सर्वाधिक मरीज सर्दी,जुकाम और बुखार के आ रहे हैं। हर दिन सौ से डेढ़ सौ मरीज अकेले उनके कक्ष में आ रहे थे। चर्मरोग विभाग के चिकित्सक डा. मोहम्मद अकरम कहते हैं कि गर्मी और बारिश होने से चर्मरोग के मरीजों की संख्या भी बढ़ी है।

विनोद कुमार यादव ने बताया कि

अस्पताल में भारी भीड़ थी। लोग मास्क और शारीरिक दूरी का पालन नहीं करते नजर आए। अस्पताल प्रशासन को इस पर ध्यान देने की जरूरत है। रामसुभग ने बताया कि एंबुलेंसकर्मी हड़ताल पर हैं। मरीज की हालत गंभीर थी। निजी वाहन से लेकर आना पड़ा। जिसकी वजह से आर्थिक नुकसान के अलावा समय भी काफी लग गया।

मनबहाल का कहना है कि

भीड़ अधिक होने की वजह से चिकित्सक को दिखाने में काफी समय लगा। अस्पताल में भीड़ बढ़ने से रोकने के लिए आवश्यक इंतजाम की जरूरत है।

बसंत केवट ने कहा कि लोग कोरोना संक्रमण से हुए नुकसान को भूलने लगे हैं। बिना मास्क के घर से बाहर निकल रहे हैं। तमाम अस्पतालकर्मी भी बिना मास्क के ड्यूटी कर रहे हैं। इस पर रोक लगने की जरूरत है।

जिला अस्पताल की सीएमएस डा. नीना वर्मा ने कहा कि मौसम बदलने की वजह से भीड़ बढ़ी है। लोगों को बेहतर इलाज दिलाने का प्रयास चल रहा है। जो भी खामियां दिख रही हैं, उसे जल्द दूर करा दिया जाएगा।

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