अस्पताल में घुसकर चिकित्सक से हाथापाई

मंगलवार की शाम सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के एक चिकित्सक से उनके कमरे में घुसकर हाथापाई की गई। मौके पर 112 पुलिस पहुंची जिसके बाद मामला शांत हुआ।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 19 Oct 2021 11:34 PM (IST) Updated:Tue, 19 Oct 2021 11:34 PM (IST)
अस्पताल में घुसकर चिकित्सक से हाथापाई
अस्पताल में घुसकर चिकित्सक से हाथापाई

सिद्धार्थनगर : मंगलवार की शाम सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के एक चिकित्सक से उनके कमरे में घुसकर हाथापाई की गई। मौके पर 112 पुलिस पहुंची, जिसके बाद मामला शांत हुआ। तीन दिन पहले मुड़िला चंदन राय में बाइक की चपेट में आने से एक वृद्ध महिला की मौत हो गई थी। घायल बाइक चालक को चिकित्सकों ने रेफर कर दिया था। उसी दिन गांव के बहुत सारे लोगों ने अस्पताल पर पहुंचकर हंगामा शुरू कर दिया था। उनका कहना था कि चालक को ज्यादा चोटें नहीं आई है, पर उसको बचाने के लिए रेफर किया गया। इसी बात को लेकर आज समूह में कुछ लोग नेत्र चिकित्सक डा. आर पी गोंड के अस्पताल परिसर स्थित कमरे में आए। एक ने दरवाजा खुलवाकर बीपी नापने की बात कही। अभी वह बीपी नाप ही रहे थे कि आने वाले ने रेफर क्योंकि किया, इस बात को लेकर उलझ गए। हाथापाई की नौबत आई तो डाक्टर दूसरे कमरे में भाग कर अपनी जान बचाते हुए दरवाजा बंद करने का प्रयास किए, वहां भी लोग घुसे। इस बीच चिकित्सक के उंगली व हाथ में चोटें आई। सूचना पर 112 पुलिस पहुंची। इस दौरान उक्त सभी लोग अधीक्षक डा. बीके वैद्य से भी बहस करने लगे। पुलिस सभी को थाने लेते गई। चिकित्सक डा. गोंड की ओर से थाने पर तहरीर दी गई। प्रभारी निरीक्षक ज्ञानेंद्र कुमार राय ने कहा कि घायल बाइक सवार को रेफर करने के मामले में कुछ कहा-सुनी हुई थी। पर दोनों पक्षों की बीच सुलह-समझौता हो गया है। कमीशन लेकर पारिश्रमिक देने का आरोप

सिद्धार्थनगर : क्षेत्र डुमरियागंज में ढाई दशक से कार्यरत करीब डेढ़ दर्जन वाचरों को विभाग ने अपात्र कर दिया था। हालांकि बाद में कार्य के बदले पारिश्रमिक देने लगा, लेकिन वाचरों ने उच्चाधिकारियों पर आरोप लगाया है कि वे काम देने के बदले कमीशन लेते हैं। लंबी सेवा के बाद आखिर अपात्र किस मानक से घोषित किया, इसकी भी जांच कराने की गुहार स्थानीय विधायक राघवेंद्र प्रताप से की। वन विभाग में वर्ष 1993 से 2016 तक विभिन्न वर्षों में वाचर के रूप कार्य करने वाले राम फेर, राम अजोर, पंचम, लवकुश, साबिर अली, सागर, मथुरा, दिलीप पांडे, तुलसी राम, शंकर, मोहम्मद रजा, रिजवान आदि ने विधायक को शिकायती पत्र देते हुए न्याय दिलाने की गुहार लगाई है। रेंजर शिवशंकर सिंह ने कहा कि कमीशन लेने का आरोप निराधार है। काम के बदले कोई कमीशन नहीं लिया जाता है।

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