कृषि सुधार कानून के विरोध में उतरे सपाई
किसानों के समर्थन में होने वाले जन आंदोलन को गांव-गांव में किसानों से संपर्क कर इस जनविरोधी भाजपा सरकार को उखाड़ फेंकने का आह्वान किया जाएगा। पूर्व राज्य सभा सांसद आलोक तिवारी ने कहा कि जन विरोधी तथा किसान विरोधी नीतियों के कारण देश में हाहाकार है। महंगाई चरम पर है। हमारे देश का अन्नदाता किसान अपने हक और अधिकार के लिए संघर्ष कर रहा है।
जागरण संवाददाता, सिद्धार्थनगर : समाजवादी पार्टी की शनिवार को जिला कार्यालय पर बैठक हुई। पार्टी के लोगों ने राष्ट्रीय नेतृत्व के आहवान पर कृषि सुधार कानून के विरोध में किसान रैली निकालने का निर्णय लिया। यात्रा को सफल बनाने के लिए पदाधिकारियों को जिम्मेदारी सौंपी गई।
किसानों के समर्थन में होने वाले जन आंदोलन को गांव-गांव में किसानों से संपर्क कर इस जनविरोधी भाजपा सरकार को उखाड़ फेंकने का आह्वान किया जाएगा।
पूर्व राज्य सभा सांसद आलोक तिवारी ने कहा कि जन विरोधी तथा किसान विरोधी नीतियों के कारण देश में हाहाकार है। महंगाई चरम पर है। हमारे देश का अन्नदाता किसान अपने हक और अधिकार के लिए संघर्ष कर रहा है। बीजेपी सरकार किसानों को बर्बाद करने पर तुली हुई है। किसानों को उनकी उपज का वाजिब मूल्य नहीं मिल पा रहा है। साधन सहकारी समितियों पर कहीं भी धान की तौल नहीं हो रही है। जहां के धान क्रय केंद्र खुला वहां पर बोरों का अभाव में किसानों का धान नहीं खरीदा जा रहा है। सपा किसान आंदोलन को गली गली चौराहे चौराहे और गांव-गांव चलकर तेज करेंगे। शोहरतगढ़ विधानसभा क्षेत्र के पूर्व प्रत्याशी उग्रसेन प्रताप सिंह, वीरेंद्र तिवारी, अफसर हुसैन रिजवी, घिसियावन यादव, मोहम्मद जमील सिद्दीकी, सरफराज भ्रमर, अनूप कुमार यादव, चंद्र मणि यादव, अजय यादव, जोखन प्रसाद चौधरी, तोताराम वर्मा, अनुराग जायसवाल, अब्दुल कलाम सिद्दीकी, सोनू यादव, घनश्याम जायसवाल, धीरू यादव चंद्रजीत जायसवाल, अंबिकेश श्रीवास्तव, अमून मेकरानी, विजय यादव, चंचल रावत आदि मौजूद रहे।
नहीं मिला मुआवजा, डीएम को सौंपा ज्ञापन
सिद्धार्थनगर के ग्राम पंचायत बगुलहवा के किसानों ने अल्ताफ चौधरी के नेतृत्व में जिलाधिकारी दीपक मीणा को ज्ञापन सौंपा। लेफ्ट बांध बनाने के लिए उपयोग की गई जमीन का मुआवजा दिलाने की मांग की है। ज्ञापन में कहा कि ग्राम पंचायत बगुलहवा में बानगंगा नदी के किनारे ड्रेनेज खंड सिद्धार्थनगर ने बानगंगा नदी के किनारे जमीन का बिना मुआवजा दिए लेफ्ट बांध बना दिया। मुआवजे के लिए उच्च अधिकारियों का दरवाजा खटखटाया पर जब उन्हें एक भी पैसा नहीं मिल सका। कोर्ट में वाद दाखिल करने के पश्चात13 फरवरी 2020 को जमीनों के मुआवजे का भुगतान किए जाने का आदेश भी हुआ। विशेष भूमि अध्याप्ति अधिकारी द्वारा नोटिस जारी करने के उपरांत किसान कार्यालय पहुंचकर अपना-अपना बयान दर्ज कराए। इसके बाद अगस्त में राजस्व विभाग ने बांध की पैमाइश कर सीमांकन बिना मुआवजा दिए ही कर दिया। मोहम्मद रफीक चौधरी, तबरकुल्लाह, बहाऊ,मो युनुस, मुकीम,मु जाफर, गुलाम मुहीउद्दीन,शहादत हुसैन,वाहिद, अमीन,मो समी आदि मौजूद रहे।