दो जनपदों को जोड़ने वाली सड़क, नहीं हो सकी पक्की

आवागमन की दृष्टि से महत्वपूर्ण मार्ग होने के बाद भी अभी यह पिच रोड नहीं हो सकी है। तीन किमी दूरी की कच्ची सड़क राहगीरों के लिए मुसीबत बनी है। हल्की बारिश हुई तो फिर स्थिति नारकीय बन जाती है और मार्ग अवरुद्ध हो जाता है।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 30 Nov 2020 11:44 PM (IST) Updated:Mon, 30 Nov 2020 11:44 PM (IST)
दो जनपदों को जोड़ने वाली सड़क, नहीं हो सकी पक्की
दो जनपदों को जोड़ने वाली सड़क, नहीं हो सकी पक्की

सिद्धार्थनगर :तहसील मुख्यालय के उत्तरी छोर के पास प्रसिद्ध धार्मिक स्थल जिगना धाम से पड़ोसी जनपद बलरामपुर को जोड़ने वाले मार्ग की स्थिति बदहाल है। आवागमन की दृष्टि से महत्वपूर्ण मार्ग होने के बाद भी अभी यह पिच रोड नहीं हो सकी है। तीन किमी दूरी की कच्ची सड़क राहगीरों के लिए मुसीबत बनी है। हल्की बारिश हुई तो फिर स्थिति नारकीय बन जाती है और मार्ग अवरुद्ध हो जाता है। यदि मार्ग पक्का बन जाए तो दोनों जनपद सीमा के दर्जनों गांव के लोगों का आवागमन आसान हो जाए, क्योंकि फिर करीब 30 से 35 किमी की दूरी कम हो जाएगी।

यह मार्ग इमलिया-खादर मार्ग के नाम से जाना जाता है। जिगना धाम से बलरामपुर जनपद के ग्राम इमलिया गांव जोड़ता है। आजादी के बाद यह सड़क कच्ची है। चुनाव के समय मार्ग मुद्दा बनता है, पार्टी कार्यकर्ता वादे करते हैं, मगर चुनाव के बाद सारे वादे ठंडे बस्ते में चले जाते हैं। जबकि नागरिकों व श्रद्धालुओं को कई तरह की कठिनाइयों से दो-चार होना पड़ता है। अमित कुमार ने कहा कि रोजमर्रा की जरुरतों के लिए जिगना व इटवा जाते हैं। सड़क खराब होने से पचपेड़वा, बढ़नी मार्ग का सहारा लेना पड़ता है, जहां तीस-पैंतीस किमी अतिरिक्त दूरी लग जाती है। धर्मपाल चौधरी ने कहा कि रास्ता खराब होने के कारण बड़ी परेशानियां होती हैं। हल्की बारिश में कच्ची सड़क कीचड़ से सराबोर हो जाती है। मार्ग पिच हो जाए तो फिर आवागमन सुविधा जनक हो जाए।

उमाकांत बताते हैं कि हर चुनाव में सड़क मुद्दा बनती है। परंतु अभी तक नेताओं का वादा कोरा आश्वासन साबित हुआ है। मार्ग की स्थिति बद से बदतर है। कोई इस तरफ ध्यान देने वाला नहीं है।

राम नेवास ने कहा कि दो जिलों को जोड़ने वाली सड़क कब पक्की होगी, यह ऐसा सवाल है, जिसका जवाब क्षेत्रवासियों को नहीं मिल सका है। गर्मी में धूल उड़ती है तो बारिश जलजमाव हो जाता है।

विधायक राघवेंद्र प्रताप सिंह ने कहा कि समस्या संज्ञान में है। इस मार्ग को पिच कराने का प्रस्ताव भेजा गया है। उम्मीद है कि जल्द ही स्वीकृति मिल जाए, जिसके बाद सड़क निर्माण शुरू हो जाएगा।

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