नौवें दिन कलाकारों ने विभिन्न प्रसंग का किया मंचन

क्षेत्र के धौरहरा उर्फ धर्मपुर में चल रहे ग्यारह दिवसीय रामलीला की नवीं रात कलाकारों द्वारा लक्ष्मण-मेघनाथ संवाद, लक्ष्मण शक्ति, हनुमान द्वारा संजीवनी पर्वत लाने सहित मेघनाथ व कुंभकरण के वध का सजीव मंचन किया गया, जिसे देखने देर तक रात भीड़ कार्यक्रम स्थल पर उपस्थित रही

By JagranEdited By: Publish:Sun, 18 Nov 2018 10:18 PM (IST) Updated:Sun, 18 Nov 2018 10:18 PM (IST)
नौवें दिन कलाकारों ने विभिन्न 
प्रसंग का किया मंचन
नौवें दिन कलाकारों ने विभिन्न प्रसंग का किया मंचन

सिद्धार्थनगर : क्षेत्र के धौरहरा उर्फ धर्मपुर में चल रहे ग्यारह दिवसीय रामलीला की नवीं रात कलाकारों द्वारा लक्ष्मण-मेघनाथ संवाद, लक्ष्मण शक्ति, हनुमान द्वारा संजीवनी पर्वत लाने सहित मेघनाथ व कुंभकरण के वध का सजीव मंचन किया गया, जिसे देखने देर तक रात भीड़ कार्यक्रम स्थल पर उपस्थित रही।

कलाकारों ने दिखाया कि लक्ष्मण-मेघनाथ संवाद के बाद सुग्रीव ने अपनी सेना को युद्ध के लिए भेजा, इधर रावण ने अपने पुत्र मेघनाथ को युद्ध के लिए भेजता है। मेघनाथ की मायावी शक्तियों से निपटने के लिए लक्ष्मण, प्रभु श्रीराम से आज्ञा लेकर युद्ध के लिए आते हैं, जहां उनका मेघनाथ के साथ भीषण युद्ध होता है। फिर मेघनाथ अदृश्य होकर लक्ष्मण पर ब्रह्मास शक्ति का प्रहार करता है, बह्मास लगते ही लक्ष्मण मूर्छित हो जाते हैं। रामादल में हाहाकार मच जाता है। संजीवनी बूटी लेने हनुमान जी पर्वत पर जाते हैं, जहां संजीवनी का पता न लगने पर वह पूरे पर्वत को उठा लाते हैं। जिसके बाद लक्ष्मण जी को होश आता है। इसके बाद कुंभकरण व मेघनाथ का वध होता है। सुंदर मंचन देख हर कोई मंत्रमुग्ध हो उठता है। सुरेश पाण्डेय, महेन्द्र, गुड्डू, तोताराम वर्मा, राजेन्द्र प्रसाद, विनोद, विजय, प्रकाश, मस्तराम, फूलचंद्र, प्रवीण, नंद किशोर आदि मौजूद रहे।

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