एंटीजन किट की हेराफेरी में स्वास्थ्य महकमा पर उठे सवाल

एंटीजन किट की हेराफेरी और कालाबाजारी में स्वास्थ्य महकमा कटघरे में है। जेल भेजे गए चारों स्वास्थ्य कर्मियों को आनन-फानन में सीएमओ ने निलंबित कर दिया गया है। मिठवल और उसका सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र अधीक्षक से भी स्पष्टीकरण मांगा गया है।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 15 Jun 2021 10:35 PM (IST) Updated:Tue, 15 Jun 2021 10:35 PM (IST)
एंटीजन किट की हेराफेरी में स्वास्थ्य महकमा पर उठे सवाल
एंटीजन किट की हेराफेरी में स्वास्थ्य महकमा पर उठे सवाल

सिद्धार्थनगर: एंटीजन किट की हेराफेरी और कालाबाजारी में स्वास्थ्य महकमा कटघरे में है। जेल भेजे गए चारों स्वास्थ्य कर्मियों को आनन-फानन में सीएमओ ने निलंबित कर दिया गया है। मिठवल और उसका सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र अधीक्षक से भी स्पष्टीकरण मांगा गया है।

सूत्रों के अनुसार एक-एक किट की इंट्री दर्ज की जाती है। बावजूद स्वास्थ्य कर्मियों ने फर्जी जांच रिपोर्ट तैयार कर शासन को भेजते रहे और जिम्मेदार सोते रहे। हो सकता है कि यह ऐसा फर्जीवाड़ा अन्य स्वास्थ्य केंद्रों से भी हुआ हो। पहले एक हजार एंटीजन किट की हेराफेरी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र उसका बाजार से की गई। जहां तैनात तीन स्वास्थ्य कर्मियों की मदद से बिहार के पटना के लिए एंटीजन किट कोरियर किए गए। एक स्वास्थ्य कर्मी के खाते में दस हजार रुपये भी आए। सवाल यह उठता है कि स्वास्थ्य कर्मियों के इस खेल का पता विभाग के बड़े अधिकारियों को क्यों नहीं लगी। यदि फर्जी जांच रिपोर्ट तैयार हो रही थी, तो क्या इसके लिए संबंधित चिकित्साधिकारी जिम्मेदार नहीं है। जबकि विभागीय नियम है कि जो किट प्रयोग में लाए जा रहे हैं, उसका रिकार्ड विभाग के पास मौजूद रहता है। और संबंधित चिकित्साधिकारी समय-समय पर इसका सत्यापन करते हैं। इस खेल में अन्य स्वास्थ्य कर्मियों की मिली भगत से इन्कार नहीं किया जा सकता। दूसरी खेप जो दो हजार एंटीजन किट की थी, वह सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र मिठवल से चोरी हुई थी। लेकिन वहां के प्रभारी चिकित्साधिकारी को भी इसकी भनक नहीं लगी और न ही इस संबंध में उन्होंने कोई मुकदमा ही दर्ज कराया। इस मामले में सीएमओ डा. संदीप चौधरी ने सभी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों पर एंटीजन के प्रयोग की जांच के आदेश दिए हैं। संबंधित चिकित्साधिकारी को निर्देश दिया है कि वह आपूर्ति किए गए एंटीजन की मिलान करा लें और लाभार्थियों से भी पूछताछ करें कि उनकी जांच हुई है या नहीं। पहले भी कूरियर से भेज चुके हैं एक हजार किट पुलिस अधीक्षक राम अभिलाष त्रिपाठी के अनुसार आरोपितों ने बताया कि वह एक हजार एंटीजन किट हरिओम सिंह को कूरियर के जरिये पहले ही बेच चुके हैं। हरिओम सिंह ने साढ़े 12 लाख रुपये खाते में भेजने का वादा किया था, लेकिन उसने सिर्फ 10 हजार रुपये ही लैब सहायक शिवशंकर चौधरी के बैंक खाते में भेजे। आरोपितों का कहना है कि बाकी रकम नहीं मिली थी।

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