जेल में बंद कैदियों को पहले लगेगी कोरोना की वैक्सीन
फ्रंट लाइन वर्करों के टीकाकरण के बाद तीसरे चरण के टीकाकरण की शुरूआत होगी। इसमें सबसे पहले जेल में बंद कैदियों का टीकाकरण किया जा सकता है।
सिद्धार्थनगर: फ्रंट लाइन वर्करों के टीकाकरण के बाद तीसरे चरण के टीकाकरण की शुरूआत होगी। इसमें सबसे पहले जेल में बंद कैदियों का टीकाकरण किया जा सकता है। जेल को कोरोना के संक्रमण से बचाने और बंदियों को सुरक्षित रखने की प्लानिग तैयार की जा रही है। टीकाकरण के पश्चात ही कैदियों की स्वजन से मुलाकात का दौर शुरू होगा। जिला जेल में करीब एक हजार बंदी हैं।
स्वास्थ्य महकमा व जेल अधिकारियों की शासन में उच्च स्तर पर वार्ता चल रही है। जेल अधिकारियों की मानें तो वैक्सीन अभियान शुरू होने के बाद जेल में बंदियों को मुलाकात के लिए अनुमति दे दी जाएगी। इस तरह से कई माह से जो बंदी अपने परिवार से नहीं मिल सके, उनकी मुलाकात हो सकेगी। चूंकि जेलों में एक साथ इतने बंदी रहते हैं तो जरूरी है कि वैक्सीन लगाई जाए मुलाकात शुरू कराने के लिए भी इस निर्णय के बाद ही विचार किया जाएगा।
अस्थायी जेलों में रहना पड़ा क्वारंटाइन
कोरोना काल में जेल आने वाले कैदियों को पहले अस्थायी जेल में 14 से 20 दिन तक क्वारंटाइन किया जाता रहा है। इसके बाद ही उन्हें जेल में शिफ्ट किया जाता है। टीका लगने के बाद लंबे समय से बंद कैदियों को काफी राहत मिलेगी। संक्रमित होने का खतरा खत्म हो जाएगा, वहीं स्वजन से मुलाकात करने की भी अनुमति मिल सकेगी।
सीएमओ डा. आइवी विश्वकर्मा ने कहा कि जेल में बंद कैदियों को टीका लगाया जाना है। इसके लिए शासन स्तर से गाइड लाइन का इंतजार किया जा रहा है। वहां बड़ी संख्या में कैदी रहते हैं, इस लिए उन्हें प्राथमिकता मिल सकती है।
वन विभाग टीम को बीईओ ने दोबारा बुलाया सिद्धार्थनगर : खंड शिक्षा अधिकारी नौगढ़ रमेश चंद्र मौर्या ने शनिवार को प्राथमिक विद्यालय भड़ेहर ग्रांट का निरीक्षण किया। कमरों को खुलवा कर जांच की। वनविभाग की टीम को दोबारा स्कूल पर आकर सांप पकड़ने के लिए कहा है। स्कूल में लगातार जहरीले सर्प निकलने की सूचना पर वन विभाग की टीम ने शुक्रवार को चार सांप को पकड़ा था।
सहायक महिला शिक्षक चंचल राजपूत ने बताया कि विद्यालय के कमरों में अभी भी और सांप हैं। एक कमरे में सांप की छोड़ी गई चमड़ी (केचुल) भी मिला है। इससे संदेह किया जा रहा है कि अभी यहां बड़ा और पुराना सर्प मौजूद हैं। वन विभाग की टीम जब स्कूल पर आई थी, उस सार्वजनिक अवकाश था। बीएसए के माध्यम से वन विभाग को पत्र भेज कर एक बार फिर से टीम को बुलाया जाएगा। स्कूल तक पहुंचने के लिए सड़क नहीं है। रोड पर वाहन खड़ा करके मेड़ के रास्ते स्कूल तक पहुंचा जा सकता है।