बिजौरी न्याय पंचायत में एक भी क्रय केंद्र नहीं

मंहगी सिचाई खाद-बीज के लिए तमाम परेशानियों को उठाने के बाद जैसे-तैसे किसानों ने धान की फसल तैयार की तो अब तौल की समस्या उनके सामाने खड़ी हो गई है।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 29 Oct 2020 05:55 PM (IST) Updated:Fri, 30 Oct 2020 03:35 AM (IST)
बिजौरी न्याय पंचायत में एक भी क्रय केंद्र नहीं
बिजौरी न्याय पंचायत में एक भी क्रय केंद्र नहीं

सिद्धार्थनगर : मंहगी सिचाई, खाद-बीज के लिए तमाम परेशानियों को उठाने के बाद जैसे-तैसे किसानों ने धान की फसल तैयार की, तो अब तौल की समस्या उनके सामाने खड़ी हो गई है। केंद्र निर्धारण में जिम्मेदारों की लापरवाही का नतीजा है कि भनवापुर ब्लाक के बिजौरा न्याय पंचायत में एक भी धान क्रय केंद्र नहीं बनाया गया। ऐसे में किसान परेशान हैं कि आखिरी वह धान की खरीद कहां कराएं। मजबूरी में कुछ किसान अभी से बिचौलियों की ओर जाने लगे हैं।

बिजौरा न्याय पंचायत में करीब 18 गांवों के लोग जुड़े हैं। जिनकी तौल सुविधाओं पर कोई ध्यान नहीं दिया गया। चूंकि दूसरी न्याय पंचायत में केंद्र की दूरी आठ से 12 किलोमीटर दूर है, इसलिए किसान अपनी उपज गल्ला व्यापारियों के हाथ औने-पौने दाम में बेच रहे हैं।

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धान की तौल कहां कराएं, इसकी चिता सता रही है। सरकारी समिति होने के बाद भी यहां केंद्र नहीं बनाया गया है। ऐसा लगता है कि उपज व्यापारियों के हाथों बेचनी पड़ेगी।

नारद चौहान, किसान

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व्यापारी मोटे धान का 800 रुपये क्विंटल व महीन धान 900 व 1000 रुपये क्विंटल दे रहे हैं। समझ में नहीं आता है कि आखिर धान को लेकर कहां जाएं।

चिकू चौहान, किसान

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क्रय केंद्र न होने से इस क्षेत्र के किसान परेशान हैं, मगर शासन-प्रशासन के लोग अनजान बने हैं, यदि यहां केंद्र बन जाता तो सरकारी तौल आसान हो जाती।

मिठाई लाल

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अपने यहां क्रय केंद्र है नहीं, जिसका फायदा व्यापारी जमकर उठा रहे हैं। प्रति क्विंटल छह से सात सौ रुपये का नुकसान उठाना पड़ रहा है। अभी भी समय है।

कमला प्रसाद, किसान

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समिति भवन बहुत ही जर्जर है। जिसके कारण यहां धान क्रय केंद्र नहीं बनाया गया है। इसके लिए उपजिलाधिकारी को पत्र लिखकर जानकारी दे दी गई है।

सुरेंद्र कुमार, सचिव

साधन सहकारी समिति, बिजौरा

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