पुरातन छात्र बताएंगे संस्थान को ऊंचाई तक पहुंचने की राह

सिद्धार्थ विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. हरि बहादुर श्रीवास्तव ने दीक्षा समारोह में संस्थान की प्रगति की जानकारी देते हुए कहा यहां से निकले मेधावियों का पुरातन छात्र परिषद गठन किया जाएगा। यह छात्र विश्वविद्यालय को ऊंचाइयों तक पहुंचने की राह बताएंगे।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 05 Dec 2021 11:12 PM (IST) Updated:Sun, 05 Dec 2021 11:12 PM (IST)
पुरातन छात्र बताएंगे संस्थान को ऊंचाई तक पहुंचने की राह
पुरातन छात्र बताएंगे संस्थान को ऊंचाई तक पहुंचने की राह

सिद्धार्थनगर : सिद्धार्थ विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. हरि बहादुर श्रीवास्तव ने दीक्षा समारोह में संस्थान की प्रगति की जानकारी देते हुए कहा यहां से निकले मेधावियों का पुरातन छात्र परिषद गठन किया जाएगा। यह छात्र विश्वविद्यालय को ऊंचाइयों तक पहुंचने की राह बताएंगे। इनका सम्मेलन कराया जाएगा। यह अपने अनुभव को साझा करेंगे। विवि का डिजिलाकर भी बनाने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। इसमें आनलाइन सभी जानकारियां मौजूद रहेंगी।

कुलाधिपति आनंदी बेन पटेल को प्रगति रिपोर्ट बताते हुए कहा कि 17 जून 2015 को विवि की स्थापना हुई थी। उस समय परिसर में बीकाम की शिक्षा प्रारंभ हुई थी। यहां तीन शिक्षक व 40 छात्र रहे। अब 33 शिक्षक व करीब 900 छात्र हैं। भौतिक विज्ञान, रसायनशास्त्र, गणित, जीवविज्ञान, वनस्पति विज्ञान, गृहविज्ञान, भूगोल के सहायक प्रोफेसर भर्ती की परीक्षा कराकर परिणाम घोषित कर दिया गया है। यहां अंतरराष्ट्रीय बौद्ध केंद्र की स्थापना हो चुका है। तीन राष्ट्रीय स्तरीय संगोष्ठी व एक अल्पकालीन कार्यशाला का आयोजन किया जा चुका है। इसमें किसी भी संकाय में अध्ययनरत पीजी के लिए पाली भाषा व बुद्धिस्ट दर्शन का छह माह का सार्टिफिकेट कोर्स प्रारंभ किया जा चुका है। इससे बुद्ध के जीवन व उनके विचारों से छात्र परिचित हो सकेंगे। अंतरराष्ट्रीय बौद्ध केंद्र के माध्यम से वहां की दुर्लभ पांडुलिपि व पुस्तकों से शोधार्थी को बौद्ध दर्शन के मूल स्त्रोत को समझने को समझने में सहायता मिलेगी। एनसीसी, एनएसएस के माध्यम से छात्रों का सर्वागींण विकास किया जा रहा है। खेलकूद प्रतियोगिता का जल्द आयोजन होगा। वाई-फाई व इंटरनेट सुविधा प्रदान करने का काम अंतिम चरण में है।

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