स्कूलों में 'पाठशाला की पौधशाला'

इसके तहत स्कूल में पंचवटी-पीपल पाकड़ बेल वट (बरगद) व अशोक और औषधीय नीम नीबू जामुन आदि पौधे लगाए जाएंगे। हर वर्ष देश के एक हजार प्राथमिक स्कूलों में नर्सरी स्थापित की जाएगी। अभी एक जिले में एक स्कूल का चयन हो रहा है। यहां भूपतिजोत का चयन हुआ है।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 05 Dec 2020 12:12 AM (IST) Updated:Sat, 05 Dec 2020 12:12 AM (IST)
स्कूलों में 'पाठशाला की पौधशाला'
स्कूलों में 'पाठशाला की पौधशाला'

सिद्धार्थनगर : केंद्र सरकार ने स्कूली बच्चों में पर्यावरण के प्रति जागरूकता उत्पन्न करने के उद्देश्य से स्कूल नर्सरी योजना का शुभारंभ किया है। इसे 'पाठशाला की पौधशाला' नाम दिया है। इसके तहत स्कूल में पंचवटी-पीपल, पाकड़, बेल, वट (बरगद) व अशोक और औषधीय नीम, नीबू, जामुन आदि पौधे लगाए जाएंगे। हर वर्ष देश के एक हजार प्राथमिक स्कूलों में नर्सरी स्थापित की जाएगी। अभी एक जिले में एक स्कूल का चयन हो रहा है। यहां भूपतिजोत का चयन हुआ है।

शासन स्तर से स्कूल नर्सरी की स्थापना की कवायद शुरू की गई है। अपर प्रधान मुख्य वन संरक्षक मुकेश कुमार ने सभी जिलों के प्रभागीय वन अधिकारियों को इस संबंध में निर्देश दिए हैं। योजना 2020-21 से 2024-25 तक क्रियान्वित की जाएगी। केंद्र सरकार इसके लिए हर स्कूलों को 50 हजार रुपये देगी। स्कूलों में ग्रामीण और किसानों की मंशा के अनुरूप विभिन्न प्रजातियों के पौधे रोपित किए जाएंगे। वानस्पतिक व वैज्ञानिक नाम बताने के साथ बच्चों को इनके गुण-दोष से भी अवगत कराया जाएगा। इसके लिए अनुसूचित जनजाति गांव भूपतिजोत में 200 वर्ग मीटर भूमि चिह्नित की गई है। हालांकि स्कूल के पास कम से कम 100 वर्ग मीटर भूमि की और जरूरत है। वन विभाग ने बेसिक शिक्षा विभाग से भूमि उपलब्ध कराने को कहा है।

राजस्व ग्राम भूपतिजोत एक नजर

कुल आबादी दो हजार, मतदाता-12 सौ, प्राथमिक विद्यालय में कुल छात्र संख्या-257, अध्यापकों की संख्या- चार, शिक्षामित्र- एक, स्कूल में अ‌र्द्धनिर्मित बाउंड्री, पेयजल, शौचालय की सुविधा , विद्युतीकरण कार्य पूर्ण नहीं है। पांच वर्ष में कोई नया विकास कार्य नहीं हुआ।

डीएफओ सिद्धार्थनगर, आकाश दीप बधावन ने कहा कि भूपतिजोत अति पिछड़ा गांव है। इसके स्तर को ऊंचा उठाने के लिए शासन की इस नई योजना का क्रियान्वयन यहीं से शुरू किया जाएगा। जिलाधिकारी ने अनुमति दे दी है। यहां पंचवटी एवं औषधीय गुणों से भरपूर पौधे लगाए जाएंगे, जिससे बच्चों को उनके बारे में जानकारी हो सकेगी।

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