अब नेपाल के भी सेहत का ख्याल रखेगा सिद्धार्थनगर
स्वास्थ सेवाओं को मजबूत करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कृत संकल्पित हैं। वह चाहते हैं कि हर जिले में एक मेडिकल कालेज हो। उनकी इस संकल्पना को साकार कर रहे हैं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ। प्रदेश में जैसे ही भाजपा सरकार बनीमुख्यमंत्री ने नेपाल सीमा से सटे सिद्धार्थनगर जिला मुख्यालय पर मेडिकल कालेज का शिलान्यास कर दिया।
जितेंद्र पाण्डेय, सिद्धार्थनगर : स्वास्थ सेवाओं को मजबूत करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कृत संकल्पित हैं। वह चाहते हैं कि हर जिले में एक मेडिकल कालेज हो। उनकी इस संकल्पना को साकार कर रहे हैं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ। प्रदेश में जैसे ही भाजपा सरकार बनी,मुख्यमंत्री ने नेपाल सीमा से सटे सिद्धार्थनगर जिला मुख्यालय पर मेडिकल कालेज का शिलान्यास कर दिया। 30 जुलाई को प्रधानमंत्री इसका उद्घाटन करने आ रहे हैं। सिद्धार्थनगर का यह मेडिकल कालेज भारत-नेपाल के रिश्तों को मजबूती देने की दिशा में एक बड़ा कदम साबित होगा। यह सिद्धार्थनगर, महराजगंज, बलरामपुर जैसे जिलों के साथ नेपाल के करीब आधा दर्जन जिलों की सेहत का ख्याल रखेगा। यहां उनका आसानी से इलाज हो सकेगा।
सिद्धार्थनगर, बलरामपुर, संतकबीरनगर, महराजगंज के करीब 20 हजार से अधिक लोग प्रतिवर्ष नेपाल के भैरहवां में आंख के आपरेशन के लिए जाते हैं। लेकिन अब इन भारतीय मरीजों को उपचार के लिए नेपाल के भैरहवा जाने की जरूरत नहीं होगी, उनका यहीं बेहतर इलाज हो सकेगा। मेडिकल कालेज का उद्घाटन होने से सिर्फ नेत्र के रोगियों को ही नहीं, बल्कि सभी बीमारियों के उपचार में लोगों को लाभ मिलेगा। नेपाल सीमा से यह मेडिकल कालेज करीब 14 किलोमीटर की दूरी पर है। ऐसे में सिद्धार्थनगर से सटे नेपाल के रूपनदेही, कपिलवस्तु सहित करीब छह जिलों के नागरिकों का यहां आसानी से उपचार हो सकेगा।
बढ़ेगी नेपाल के मरीजों की संख्या
जिला अस्पताल की ओपीडी रोजाना करीब 1200 मरीजों की है। इसमें करीब 300 मरीज नेपाल के होते हैं। इन मरीजों की संख्या में अब इजाफा होगा। प्राचार्य का कहना है मेडिकल कालेज में कुल 17 डिपार्टमेंट स्थापित होंगे। नौ की सेवाएं 30 जुलाई से ही शुरू हो जाएंगी।
कालेज को मिले यह चिकित्सक
जिला अस्पताल का मेडिकल कालेज में विलय होने के बाद वहां मौजूद चिकित्सकों के अलावा उसे 50 जूनियर रेजीडेंट, 6 सीनियर रेजीडेंट मिल चुके हैं। 15 सीनियर रेजीडेंट और करीब 40 फैकल्टी के लोग आने वाले हैं।
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बदलेगी की इमरजेंसी की व्यवस्था
मेडिकल कालेज के प्राचार्य डा.सलिल श्रीवास्तव ने कहा कि जब तक यहां जिला चिकित्सालय की इमरजेंसी थी, इसमें एक चिकित्सक, एक फार्मासिस्ट, एक वार्ड ब्वाय होते थे, लेकिन अब यहां चार सदस्यीय चिकित्सकों की एक टीम होगी, जो जरूरत पड़ने पर मेडिकल कालेज आने वाले मरीज को वाहन में ही उपचार उपलब्ध कराएगी।