तीन मासूमों के सिर से उठा ममता का आंचल
रविवार को कपिया खालसा गांव में मां की हत्या के बाद तीन मासूमों के सर से ममता का आंचल उठ गया है। मां की गलती सिर्फ इतनी थी कि वह समाज का परवाह किए बिना गैर समुदाय के लड़के से प्रेम विवाह कर लिया था। खुन्नस खाए बाप ने लड़की की हत्या कर दी। मां के मौत से बेखबर मासूम खेलते नजर आए।
सिद्धार्थनगर : रविवार को कपिया खालसा गांव में मां की हत्या के बाद तीन मासूमों के सर से ममता का आंचल उठ गया है। मां की गलती सिर्फ इतनी थी कि वह समाज का परवाह किए बिना गैर समुदाय के लड़के से प्रेम विवाह कर लिया था। खुन्नस खाए बाप ने लड़की की हत्या कर दी। मां के मौत से बेखबर मासूम खेलते नजर आए। गांव में अभी भी सन्नाटा पसरा हुआ है। सुरक्षा की दृष्टि से पुलिस की तैनाती की गई है।
12 वर्ष पहले सुनीता ने गांव के अब्दुल मोतीन से प्रेम करने लगी। दोनों की जिदगी साथ जीने मरने के बाद पर आगे बढ़ी। वह 2013 में लड़के के साथ मुंबई चली गई। लड़की के पिता विश्वनाथ शर्मा ने पुलिस को तहरीर दी थी। पुलिस ने लड़की को खोज कर पिता को सुपुर्द कर दिया था। उसके बाद पिता कमाने बाहर चला गया। इसी बीच छह माह बाद वह फिर उसी लड़के के साथ मुंबई चली गई। बांद्रा कोर्ट में निकाह कर लिया। उसने इस्लाम कबूल कर अपना नाम शबनम रख लिया। दो वर्ष पूर्व वह गांव आई थी। तब गांव वालों ने इसकी शिकायत पुलिस से की थी। कहा था कि लड़की के गांव में रहने से दो समुदाय में तनाव हो सकता है। पुलिस सुरक्षा की दृष्टि से लड़की को गांव में रहने से मना कर दिया। इसके बाद लड़की फिर मुंबई चली गई। एक माह पूर्व उसका पति उसे गांव छोड़ कर मुंबई चला गया। तब से वह अपने ससुराल में रह रही थी। उसके तीन बेटियां रुखसार , हबीबा व वहीदा एक वर्ष की हैं। इनके ऊपर से मां का साया उठ गया। बच्चों का भविष्य भी अंधकार मय दिखाई दे रहा है। इस मामले में चिल्हिया थानाध्यक्ष यशवंत सिंह ने कहा कि मैं यहां नया हूं, उन्हें इसकी जानकारी नहीं थी कि ग्रामीणों ने कभी इस बारे में थाने को अवगत कराया था। संबंधित बीट के सिपाहियों से पूछताछ के बाद कार्रवाई की जाएगी।